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Hexaware Technologies IPO: शेयर बाजार में दोबारा आएगी यह आईटी कंपनी, IPO के मामले में तोड़ सकती है TCS का रिकॉर्ड

Hexaware Technologies IPO: शेयर बाजार में दोबारा आएगी यह आईटी कंपनी, IPO के मामले में तोड़ सकती है TCS का रिकॉर्ड

Hexaware Technologies IPO: आईटी सेक्टर की कंपनी हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों की मानें तो यह आईटी सेक्टर का पिछले 2 दशकों का सबसे बड़ा IPO हो सकता है। फिलहाल इस कंपनी का मालिकाना हक अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म कार्लाइल (Carlyle) के पास है। मनीकंट्रोल को सूत्रों से जानकारी मिली है कि कार्लाइल ने हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज का IPO लाने के लिए 5 इनवेस्मेंट बैंकरों को नियुक्त किया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि कार्लाइल इसी वित्त वर्ष में यह आईपीओ लाना चाहती है।

एक व्यक्ति ने बताया, “कार्लाइल ने लीड बैंक के तौर पर कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटी और जेपी मार्गन को शॉर्टलिस्ट किया है। इनके अलावा IIFL कैपिटल और HSBC सिक्योरिटीज को भी चुना गया है। IPO में कार्लाइल भी अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेगी।” दो और सूत्रों ने भी इस जानकारी की पुष्टि की है।

एक चौथे व्यक्ति ने बताया, “IPO पर इसी हफ्ते काम शुरू हो सकता है। अभी यह शुरुआती चरण में है और आईपीओ के साइज और वैल्यूएशन को अभी फाइनल किया जाना बाकी है। हालांकि इनकी योजना इस आईपीओ के जरिए करीब 1 अरब डॉलर (8,350 करोड़ रुपये) जुटाने की है और इस IPO को 5 से 6 अरब डॉलर (करीब 41,750 करोड़ से 50,100 करोड़ रुपये तक) के वैल्यूएशन पर लाया जा सकता है। हालांकि कंपनी बाद में बाजार की स्थिति को देखते हुए अपनी योजना में बदलाव कर सकती है।”

अगर IPO को इसी योजना के साथ लाया जाता है, तो यह 2002 के बाद आईटी सेक्टर का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है। 2002 में टीसीएस ने 4,713 करोड़ रुपये का आईपीओ लाया था। साथ ही करीब 22 सालों के बाद हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज की स्टॉक एक्सचेंजों पर दोबारा लिस्टिंग होगी। NSE के आंकड़ों के मुताबिक, हेक्यावेयर सबसे पहले 14 जून 2002 को लिस्ट हुई थी। हालांकि साल 2020 में इसकी पूर्व प्रमोटर बैरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया ने इसे डीलिस्ट करा दिया था।

कार्लाइल और HSBC सिक्योरिटीज ने इस खबर पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। कार्लाइल के पास हेक्सावेयर टेक्नोलॉजी की करीब 95 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसने साल 2021 में 3 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर बैरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया से इसका अधिग्रहण किया था।

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