भारत सरकार ने उस मीडिया रिपोर्ट को ‘फर्जी’ और ‘पूरी तरह से मनगढंत’ बताया जिसमें दावा किया गया है कि हरदीप सिंह निज्जर समेत कुछ सिख अलगाववादियों के खिलाफ ‘सख्त’ कदम उठाने के बारे में केंद्र ने अप्रैल में एक ‘सीक्रेट मेमो’ जारी किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह खबर भारत के खिलाफ “निरंतर दुष्प्रचार अभियान” का हिस्सा है और जिस संस्थान ने यह खबर दी है वह पाकिस्तानी खुफिया एंजेसी के “फर्जी विमर्शों” का प्रचार करने के लिए जाना जाता है। ऑनलाइन अमेरिकी मीडिया संस्थान ‘द इंटरसेप्ट’ ने ये खबर जारी की थी।
‘सीक्रेट मोमो’ पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा, “हम दृढ़ता से कहते हैं कि इस प्रकार की खबरें फर्जी और पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं। ऐसा कोई मेमो नहीं है।” बागची ने दावों को खारिज करते हुए कहा कि रिपोर्ट भारत के खिलाफ “निरंतर दुष्प्रचार अभियान” का हिस्सा है। बागची ने पाकिस्तानी खुफिया जानकारी से जुड़े “फर्जी आख्यानों” को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी मीडिया आउटलेट पर निशाना साधा। उन्होंने ऐसी झूठी खबरों को बढ़ावा देने के प्रति आगाह किया और इस बात पर जोर दिया कि जो लोग ऐसा करते हैं वे अपनी विश्वसनीयता से समझौता करते हैं।
‘द इंटरसेप्ट’ ने ‘सीक्रेट मेमो’ का किया था दावा
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 जून को कनाडाई धरती पर खालिस्तानी चरमपंथी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की “संभावित” भागीदारी का आरोप लगाया था। भारत ने आरोपों को “बेतुका” बताते हुए दृढ़ता से उन्हें खारिज किया था। ‘द इंटरसेप्ट’ ने दावा किया है कि विदेश मंत्रालय द्वारा अप्रैल में जारी किए गए ‘सीक्रेट मोमो’ में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर सहित कई सिख चरमपंथियों की सूची थी, जिनके खिलाफ भारत की खुफिया एजेंसियां जांच कर रही हैं।
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