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Election Budget में क्या सस्ते घर का सपना हो सकता है पूरा, सरकार बजट में कर सकती है अहम घोषणा

Election Budget में क्या सस्ते घर का सपना हो सकता है पूरा, सरकार बजट में कर सकती है अहम घोषणा

Budget 2024: आज निर्मला सीतारमण देश का अंतरिम बजट पेश करने वाली हैं। इस बजट के दौरान कई अहम घोषणाएं भी की जा सकती है क्योंकि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले यह बजट पेश किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार कई ऐसी योजनाओं का भी ऐलान कर सकती है, जिससे आम लोगों को फायदा मिले। इनमें सस्ते घरों का आवंटन भी शामिल है। ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सस्ते घरों के लिए बजट आवंटन को बढ़ा सकती है।

ऐसी उम्मीदें हैं कि अंतरिम बजट में सस्ते घरों के लिए सब्सिडी बढ़ायी जाने का ऐलान किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत देने के लिए ये ऐलान कर सकती है। इस वित्त वर्ष में सस्ते घरों के लिए केंद्र सरकार की ओर 79000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। दरअसल, मोदी सरकार का फोकस देश के लोगों को घर मुहैया करवाने की तरफ रहा है।

हाउसिंग फॉर ऑल

सरकारी अनुमान के मुताबिक, 1.4 अरब आबादी वाले देश में ग्रामीण इलाकों में 2 करोड़ से ज्यादा घरों की कमी है। शहरी इलाकों में करीब 15 लाख घरों की कमी है। इंडस्ट्री का मानना है कि यह संख्या 2030 तक बढ़कर दोगुनी हो सकती है। ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ के लक्ष्य के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने इस प्रोग्राम पर 29 अरब डॉलर खर्च किए हैं। इसका मकसद ग्रामीण और शहरी इलाकों में सस्ते घर बनाने में लोगों की मदद करना है।

आवंटन बढ़ाना जरूरी

यह प्रोग्राम दिसंबर 2024 में खत्म हो रहा है। लेकिन, सरकार इसकी अवधि तीन से पांच साल तक बढ़ा सकती है। इसकी वजह यह है कि यह प्रोग्राम अभी अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया है। अधिकारियों का कहना है कि सरकार को हाउसिंग फॉर ऑल स्कीम के लिए आवंटन बढ़ाना जरूरी है। इसकी वजह यह है कि पिछले कुछ सालों में जमीन के साथ ही कंस्ट्रक्शन मैटेरियल की कीमतें बढ़ी हैं।

मिलती है सब्सिडी

जानकारों का कहना है कि इस हाउसिंग स्कीम के तहत घर बनाने के लिए बैंक से लोन लेने वाले व्यक्ति को सरकार इंटरेस्ट पर होने वाले खर्च पर 10,000 रुपये लेकर 2.67 लाख रुपये तक की सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी राज्य सरकारों की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी के अतिरिक्त होती है। ग्रामीण इलाकों में सब्सिडी प्रति घर बढ़ाकार 2 लाख रुपये और शहरी इलाकों में प्रति घर 5 लाख रुपये तक करने की जरूरत है। ऐसे में उम्मीदें हैं कि सरकार की ओर से इस स्कीम के तहत भी आवंटन बढ़ाया जा सकता है।

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