दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और निचली अदालत की कस्टडी के खिलाफ दाखिल याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में जांच एजेंसी ईडी ने हलफनामा दाखिल किया है और इस हलफनामे में ईडी ने कहा है कि शराब घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल का हवाला के पैसे से डायरेक्ट लिंक तो नहीं है लेकिन आम आदमी पार्टी ने दिल्ली शराब घोटाले में लिए गए पैसे से फायदा उठाया है। पार्टी इस अपराध से हुई आय की प्रमुख लाभार्थी है।
ईडी ने अपने हलफनामे में कहा है कि घोटाले के पैसे, लगभग 45 करोड़ रुपये नकद का उपयोग गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी ने चुनाव अभियान में किया गया है। ईडी ने कहा है कि आप द्वारा अरविंद केजरीवाल के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया गया है और इस प्रकार के अपराध धारा 70, PMLA 2002 के अंतर्गत आते हैं।
ईडी ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष जवाब दाखिल किया, जिसमें उत्पाद शुल्क नीति मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका का विरोध किया गया। उत्पाद शुल्क नीति मामले में सीएम केजरीवाल को ‘किंगपिन’ कहने के अपने पहले के दावे के अनुरूप, ईडी ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के माध्यम से भ्रष्टाचार किया था।
ईडी ने अपना बचाव करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी थी और यह भी कहा कि केजरीवाल ने ‘आज की तारीख में हिरासत पर सवाल उठाने का अपना अधिकार छोड़ दिया है और याचिकाकर्ता को अब यह तर्क देने की अनुमति नहीं दी जा सकती है कि आज की तारीख में उसकी हिरासत अवैध है। ईडी ने यह भी कहा कि “पीएमएलए की धारा 16 और संविधान के अनुच्छेद 220एफ की सभी प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं का सख्ती से अनुपालन किया गया था।”
इस मामले पर अदालत द्वारा 13 अप्रैल को फिर से सुनवाई होने की उम्मीद है। बता दें कि केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। कल यानी बुधवार को दिल्ली की अदालत ने सीएम केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।