डायबिटीज दुनियाभर में तेजी से फैल रही है। करोड़ों की तादाद में लोग इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज से परेशान लोगों को ब्लड शुगर बढ़ जाता है। जिसे जिंदगी भर कंट्रोल करने की जरूरत रहती है। डायबिटीज किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। जिन लोगों में अत्यधिक मोटापा रहता है। फिजिकल एक्टिविटी बेहद कम रहती है। उन्हें डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है। शुरुआती दौर में लोग डायबिटीज को समझ नहीं पाते हैं। यह साइलेंट किलर बीमारी होती है। इस बीमारी की वजह से शरीर के बाकी अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं। इस बीमारी के लक्षण पैरों पर भी नजर आते हैं।
डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन नहीं बन पाता है, तो ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। हालात गंभीर होने पर यह स्थिति व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है, इसलिए समय रहते डायबिटीज के लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने पर पैरों की चोट का जोखिम बढ़ जाता है। डायबिटीज होने पर पैरों तक ब्लड फ्लो कम हो जाता है। जिससे पैर सून्न पड़ जाते हैं और भी कई समस्याएं होती हैं।
ब्लड शुगर बढ़ने पर पैरों में दिखते हैं ये लक्षण
पैरों में दर्द या झुनझुनी
डायबिटिक न्यूरोपैथी पैरों की नसों को नुकसान पहुंच सकता है। इसकी वजह से पैरों में दर्द या झुनझुनी महसूस होती है। कई बार पैर सुन्न तक हो जाते हैं। इसकी वजह से पाचन, यूरिनरी ट्रेक्ट, रक्त वाहिनियों और दिल की सेहत पर असर पड़ता है। लिहाजा पैरों में झुनझुनी या पैर सुन्न होने की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
एथलीट्स फुट प्रॉब्लम
डायबिटीज में पैरों की नसें डैमेज होने से एथलीट फुट की समस्या भी हो सकती है। यह एक तरह का फंगल इंफेक्शन होता है। जिसकी वजह से पैरों में खुजली, दरार या रेडनेस की समस्या हो सकती है। इन लक्षणों के नजर आने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पैरों में छाले
डायबिटीज के करीब 15 फीसदी मरीजों के तलवों में छाले पड़ जाते हैं। जिससे स्किन पूरी तरह खुली नजर आती है। कुछ गंभीर मामलों में तो पैर तक काटने की नौबत आ जाती है। लिहाजा ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है।
पैरों में सूजन
डायबिटीज के कारण पैरों में फ्रैक्चर भी हो सकते हैं। जिससे पैरों या टखनों में लालिमा, सूजन या अन्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अगर लंबे समय तक यह सूजन बनी रहे तो इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए।
नाखूनों में फंगल इन्फेक्शन
डायबिटीज के मरीजों में नाखूनों में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा भी बना रहता है। इसमें नाखून का रंग बदल जाना, काला पड़ना या नाखून टेढ़े-मेढ़े होने की दिक्कत भी हो सकती है। कई बार किसी चोट के कारण भी नाखूनों में फंगल इंफेक्शन हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज में पैरों का आकार भी बदल जाता है।