डायबिटीज आज के समय में सबसे तेजी से फैलने बीमारियों में शामिल है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका मरते दम तक कोई इलाज नहीं है। इसे आप अपने कंट्रोल में रख सकते हैं। ऐसे में डायबिटीज वाले मरीजों को हमेशा अपने खान-पान पर खास तौर से ध्यान देने की जरूरत है। लेकिन अगर आप चाहते है कि आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहे तो आपको कुछ आयुर्वेदिक तरीके अपना सकते हैं। गुड़मार का सेवन कर सकते हैं। कई रिसर्च में यह साबित हो गया है कि गुड़मार डायबिटीज का रामबाण इलाज है। इससे ब्लड शुगर लेवल नेचुरली तरीके से कम होने लगता है।
इसका नाम गुड़मार मिठास कम करने के चलते रखा गया है। मलेरिया और स्नेकबाइट के उपचार में काम आने वाला जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे नाम का पौधा अपनी एंटीडायबिटीज गुणों के लिए जाना जाता है। इसे ही गुड़मार के नाम से भी जानते हैं।
गुड़मार के पत्ते डायबिटीज का है काल
R. V. आयुर्वेद अस्पताल मुंबई के डॉक्टर अव्हाड गोरक्षनाथ (Dr. Avhad Gorakshnath) का कहना है कि गुड़मार को जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे कहा जाता है। यह एक जड़ी-बूटी है। भारत में पाई जाने वाली इस जड़ी बूटी को ब्लड शुगर लेवल कम करने के लिए जाना जाता है। टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए गुडमार बेहद फायदेमंद माना गया है। गुड़मार के पत्तों में रेजिन, क्लोरोफिल, कार्बोहाइड्रेट, टार्टरिक एसिड, फार्मिक एसिड, ब्यूटिक एसिड जैसे कई तत्व पाए जाते हैं। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। यह मीठे की क्रेविंग को कम करते हैं।
गड़मार के अन्य फायदे
गुड़मार का इस्तेमाल अस्थमा, आंखों की समस्या, कब्ज, अपच, हाइपरकोलेस्टेरोलिया आदि की समस्या के लिए भी किया जाता है। अगर आप इसका रोजाना सेवन करते हैं तो डायबिटीज के साथ-साथ ब्लड प्रेशर, वजन कम करना, बालों के लिए जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।
गुड़मार के पत्तों का ऐसे करें सेवन
गुड़मार की पत्तियों का सेवन करने से एक घंटे तक मिठास का स्वाद खत्म हो जाता है। इसके लिए रोजाना खाली पेट गुड़मार की पत्तियों को चबाकर खाएं। इसके बाद एक गिलास पानी पिएं। इससे न केवल शुगर लेवल कम होता है, बल्कि दिनभर शुगर लेवल नहीं नहीं बढ़ता है।
डिस्क्लेमर – यहां बताए गए उपाय सिर्फ सामान्य ज्ञान पर आधारित हैं। इसके लिए आप किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लेने के बाद ही अपनाएं।