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Dermatomyositis: डर्मेटोमायोसाइटिस बीमारी से हुई सुहानी भटनागर की मौत, जानिए लक्षण और बचाव

Dermatomyositis: डर्मेटोमायोसाइटिस बीमारी से हुई सुहानी भटनागर की मौत, जानिए लक्षण और बचाव

Dermatomyositis: बॉलीवुड की बहुचर्चित ‘दंगल गर्ल’ सुहानी भटनागर (Suhani Bhatnagar) की मौत हो गई है। वो डर्मेटोमायोसाइटिस नाम की खतरनाक बीमारी से पीड़ित थीं। सुहानी की मौत की खबर सुनते ही उनके फैंस में शोक की लहर दौड़ गई। वो करीब 10-11 दिनों से दिल्ली के AIIMS में भर्ती थीं। पर उन्हें बचाया न जा सका। सुहानी के मम्मी-पापा ने बताया कि वह दो महीनों से बिस्तर पर थी। एक दुर्लभ बीमारी से जूझ रही थी। बेटी की मौत 16 फरवरी को हुई। सुहानी के पिता ने बताया कि 2 महीने पहले एक्ट्रेस के उल्टे हाथ में सूजन आनी शुरू हुई थी। उन्होंने सूजन को नॉर्मल समझा। लेकिन फिर सूजन धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलने लगी।

सुहानी के पिता के मुताबिक, उन्होंने बेटी को कई डॉक्टरों को दिखाया। इधर-उधर भागे, पर कोई कुछ नहीं बता पाया। कोई भी डॉक्टर यह नहीं पहचान पाया कि सुहानी को क्या बीमारी है। एम्स में भर्ती कराने के बाद पता चला कि सुहानी को डर्मेटोमायोसाइटिस (dermatomyositis) नाम की दुर्लभ बीमारी हुई है।

जानिए क्या है डर्मेटोमायोसिटिस

डर्मेटोमायोसिटिस एक दुर्लभ बीमारी है। इसमें मांसपेशियों के अलावा त्वचा और फेफड़ों में सूजन आ जाती है। मायोसाइटिस का मतलब ही होता है कि मसल्स में इंफ्लेमेशन यानी दर्द और सूजन है। इस बीमारी में त्वचा पर खास तरह के लाल चकत्ते भी दिखाई देते हैं। इसमें शरीर की इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। यानी शरीर बीमारियों से लड़ने के काबिल नहीं रह पाता है। इसका एकमात्र इलाज स्टेरॉयड है। लेकिन इससे इम्यून सिस्टम के और अधिक प्रभावित होने का खतरा रहता है। इस बीमारी में सेल्स में इंफ्लामेशन हो जाती है जिसके मांसपेशियां तेजी से कमजोर होने लगती है। त्वचा पर रैशेज होने लगते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। लेकिन आमतौर पर यह वयस्कों में 40 से 60 साल की उम्र के बीच होती है। महिलाओं में यह बीमारी पुरुषों के मुकाबले ज्यादा देखी जाती है।

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डर्मेटोमायोसिटिस के लक्षण

डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण कभी-कभी बहुत देर से दिखते हैं। वहीं कभी ये अचानक दिखने लगते हैं। आमतौर पर इसका पहले संकेत स्किन में बदलाव से शुरू होता है। स्किन सबसे पहले वॉयलेट या डस्की कलर की होने लगती है। इससे स्किन पर रैशज होने लगते हैं। यह रैशेज सामान्य तौर पर चेहरा और आंखों के आसपास दिखते हैं। रैशज से खुजली भी होती है और दर्द भी होता रहता है। इसमें इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। सीधे बैठने में दिक्कत होती है। बैठने की स्थिति से उठने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेटने के बाद उठने में दिक्कत होती है।

डर्मेटोमायोसिटिस का इलाज

डर्मेटोमायोसिटिस एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई पूरा इलाज नहीं है। फिर भी इलाज से इसके लक्षणों को बहुत कम किया जा सकता है। इसमें इलाज का मुख्य लक्ष्य होता है इन चकत्तों को ठीक करना और मांसपेशियों को फिर से मजबूत बनाना। इसके लिए डॉक्टर दवाइयां, कुछ खास थेरेपी और कभी-कभी खास तरह का खानपान भी सुझाव देते हैं।

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