Davos 2024: चिप की महत्ता तेजी से बढ़ रही है और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि इस मामले में भारत की नीति एकदम ट्रैक पर चल रही है। वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (WEF) की कई बैठकों के बाद उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के लीडर्स भारतीय फ्रेमवर्क की खूब प्रशंसा कर रहे हैं। मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर को लेकर कल और आज काफी चर्चा हुई और इस पूरी बातचीत का जो सार निकलकर आया, वह ये है कि पीएम मोदी ने इसे लेकर जो पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार किया है, वह बहुत सही है। उन्होंने यह भी कहा कि माइक्रोन (Micron) ने 90 दिनों के भीतर अपना प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया।
अभी और मजबूत करने पर फोकस
दावोस में केंद्रीय मंत्री करीब 50 चर्चाओं में शामिल हुए। उनका कहना है कि सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के वैश्विक लीडर्स भारतीय पॉलिसी की काफी प्रशंसा कर रहे हैं। हालांकि अश्विनी वैष्णव ने आगे यह भी कहा कि इसे और मजबूत करने की जरूर है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत में एक बहुत मजबूत डिजाइन क्षमता है और यह डिजाइन क्षमता अब एक बैक ऑफिस से लेकर पूरे प्रोडक्ट को डिजाइन करने के साथ-साथ ग्राहक की जरूरत को समझकर उसे फिर एक डिजाइन में बदलने तक परिपक्व हो गई है। उन्होंने कहा कि इस ताकत को अभी और मजबूत करने की जरूरत है। जब उनसे पूछा गया कि भारत को सेमीकंडक्टर यानी चिप को बनाने पर फोकस करना चाहिए या इसे डिजाइन करने पर तो उन्होंने कहा कि भारत की क्षमता दोनों ही मामलों में आगे मजबूती से आगे बढ़ने की है।
सब्सिडी को लेकर क्या है सरकार का रुझान
भारत सरकार चिप सेक्टर को 1 हजार करोड़ डॉलर की चिप सब्सिडी मुहैया करा रही है। इसमें से 13-14 फीसदी को माइक्रोन को अप्रूव हो चुका है। अब आगे ऐसी मंजूरी के लिए जब केंद्रीय मंत्री से पूछा गया को उन्होंने बताया कि इस मामले में पीएम मोदी एकदम स्पष्ट हैं कि सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का सफर 20 साल का है तो इस लंबे समफर के लिए उनका फोकस पूरे इकोसिस्टम को ही डेवलप करने पर रहा है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस रास्ते पर लगातार सावधानपूर्वक व्यवस्थित तरीके से कदम दर कदम आगे बढ़ना है।