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Commodity Market: चावल की बढ़ती कीमतों पर सरकार की सख्ती जारी, जानिए क्यों गिर रहे हैं खाने के तेल के दाम

Commodity Market: चावल की बढ़ती कीमतों पर सरकार की सख्ती जारी, जानिए क्यों गिर रहे हैं खाने के तेल के दाम

Commodity Market: चावल की बढ़ती कीमतों पर सरकार की सख्ती जारी है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर स्टेकहोल्डर्स को आदेश दिया है कि वह चावल के स्टॉक के बारे में जानकारी दे। सरकार ने कहा है कि स्टेकहोल्डर्स को पोर्टल पर 9 फरवरी तक चावल के स्टॉक की जानकारी देना जरूरी है। स्टेकहोल्डर्स द्वारा आदेश न मानने पर सरकार कड़े कदम उठाएगी।

बता दें कि ट्रेडर, होलसेलर, रिटेलर, बड़े चेन रिटेलर और मिलर को टूटे हुए चावल, नॉन-बासमती, बासमती, उबले हुए और अन्य दूसरी कैटेगरी के चावल के स्टॉक की जानकारी 9 फरवरी तक सरकार को देनी होगी।

सरकार की सख्ती के कारण

गौरतलब है कि पिछले 1 साल में चावल के दाम 15% तक बढ़े है। खरीफ की अच्छी फसल के बाद भी कीमतों में तेजी आई है। एक्सपोर्ट पर पाबंदियों के बाद भी चावल की कीमतों में तेजी नहीं रुक रही है। OMSS के जरिए FCI भी चावल बेच रहा है। भारत ब्रांड’ के तहत चावल की भी बिक्री का ऐलान किया है। 29 रुपये किलो के भाव पर ‘भारत चावल’ की बिक्री होगी।

सस्ता होगा खाने का तेल?

इंटरनेशनल मार्केट में खाने के तेल के दाम गिरे है। 10 दिनों में पाम ऑयल का भाव 7% से ज्यादा गिरा है। पाम ऑयल का दाम 3800 रिंग्गित के नीचे फिसला है । इस बीच 10 दिनों में सनफ्लावर ऑयल का दाम करीब 4% लुढ़का है। 4 महीने के निचले स्तरों पर सरसों में कारोबार हो रहा है।

दबाव में क्रूड

इस बीच अन्य कमोडिटी मार्केट की चाल पर नजर डालें तो कच्चे तेल में करीब 2% की गिरावट देखने को मिली है।अमेरिका में रोजगार के आंकड़े और दरों में कटौती में देरी के बीच डिमांड में कमजोरी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा चीन में सुस्त ग्रोथ और मीडिल ईस्ट में तनाव में हल्की राहत की वजह से भी कच्चे तेल में गिरावट दिखी। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 77 डॉलर से कुछ सेंट ऊपर है। जबकि, WTI क्रूड फ्यूचर्स 72 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। इस बीच MCX पर भी कच्चे तेल का भाव 6030 के नीचे फिसला गया है।

इस बीच चीनी अर्थव्यवस्था को लेकर आशंकाएं बरकरार है। इधर यूएस हूती विद्रोहियों पर बड़ी सैन्य कार्रवाई की तैयारी में है। इजराल-हमास के बीच युद्धविराम के कोशिशों की खबरें के कारण भी कच्चे तेल की कीमतों में दबाव देखने को मिल रहा है।

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