रायपुर। भारतीय जानता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने रविवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि राजनांदगांव सीट से विधायक सिंह ने विधानसभा परिसर में राज्य विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता चरण दास महंत और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद थे।
अधिकारी ने बताया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के वरिष्ठ नेताओं ने सिंह के नामांकन के समर्थन में प्रस्ताव प्रस्तुत किया। नामांकन दाखिल करने के बाद सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह अपनी नई जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे और छत्तीसगढ़ विधानसभा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने नामांकन का समर्थन करने के लिए कांग्रेस नेता महंत और बघेल को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री साय और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी (उनके नामांकन का समर्थन करते हुए ) सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है।
सिंह ने नवनिर्वाचित विधानसभा के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “ मैं एक नई भूमिका में रहूंगा। मेरी नई जिम्मेदारी विधानसभा में सभी को साथ लेकर चलने की होगी। मेरी जिम्मेदारी सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच संतुलन बनाने की होगी।” सिंह ने कहा, “मैं अपनी नई जिम्मेदारी का निर्वहन करूंगा और राज्य विधानसभा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करूंगा।”
संवाददाताओं से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह जी राज्य विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने जाएंगे। उन्होंने सिंह को बधाई दी। बघेल ने अपनी पार्टी के नेता महंत को भी बधाई दी, जिन्हें शनिवार को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया। इससे पहले आज सुबह भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक राम विचार नेताम ने राजभवन में छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ ली। उन्हें राजभवन में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने शपथ दिलाई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में 90 में से 54 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है। राज्य में 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस इस बार 35 सीट पर सिमट गई। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक सीट जीतने में कामयाब रही। सात बार के विधायक रमन सिंह 2008 से राजनांदगांव सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सन् 1999 में वह एक बार लोकसभा सांसद के रूप में चुने गये थे और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।
हाल में विधानसभा चुनाव में सिंह ने कांग्रेस के गिरीश देवांगन को 45,084 वोट के अंतर से हराया। हालांकि छत्तीसगढ़ में उनके नेतृत्व में 2018 के राज्य चुनावों में भाजपा को भारी हार का सामना करना पड़ा। लेकिन सिंह अभी भी राज्य में पार्टी का सबसे महत्वपूर्ण चेहरा बने हुए हैं। भाजपा 71 वर्षीय सिंह को छत्तीसगढ़ को एक पिछड़े राज्य से विकसित राज्य में बदलने का श्रेय देती है। उन्होंने अपने 15 साल के लंबे कार्यकाल (2003 से 2018) के दौरान एक सक्षम प्रशासक होने की प्रतिष्ठा अर्जित की है। भाजपा ने पिछले महीने राज्य में मुख्यमंत्री कोई चेहरा पेश किए बिना विधानसभा चुनाव लड़ा था। चुनाव में जीत के बाद सिंह मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे थे लेकिन पार्टी ने वरिष्ठ आदिवासी नेता विष्णुदेव साय के हाथ में राज्य की कमान सौंपी है।
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