उद्योग/व्यापार

ByteDance भारत में म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस Resso को करेगी बंद, रिफंड होगी यूजर्स की सब्सक्रिप्शन फीस

TikTok की पेरेंट कंपनी बाइटडांस (ByteDance) भारत में अपनी म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस Resso को बंद करने जा रही है। इस मामले से परिचित लोगों ने मनीकंट्रोल को बताया कि कंपनी इसे इस महीने के अंत में यानी 31 जनवरी को बंद कर देगी। इस तरह, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इंटरनेट मार्केट से चीन की दिग्गज टेक कंपनी की यह लेटेस्ट एग्जिट है।

इसके ऐप को दिसंबर 2023 के मध्य में भारत में ही Google Play और Apple ऐप स्टोर से हटा दिया गया था। रिपोर्ट लिखे जाने के समय स्ट्रीमिंग सर्विस अभी भी काम कर रही है। फिलहाल इसे मोबाइल ऐप के साथ-साथ डेस्कटॉप वेबसाइट पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि अब ऐप या वेबसाइट पर सब्सक्रिप्शन खरीदने का विकल्प नहीं है।

यूजर्स की सब्सक्रिप्शन फीस होगी वापस

मनीकंट्रोल के सवालों के जवाब में बाइटडांस के प्रवक्ता ने कहा, “दुर्भाग्य से, लोकल मार्केट कंडीशन के कारण हम अब भारत में Resso के यूजर्स को सर्विस जारी नहीं रख सकते। इसलिए हमने 31 जनवरी को Resso और इससे संबंधित ऑपरेशन को बंद करने का निर्णय लिया है। यूजर्स को उनकी शेष सब्सक्रिप्शन फीस वापस की जाएगी”

बाइटडांस ने मार्च 2020 में भारत, इंडोनेशिया और ब्राजील में Resso लॉन्च किया। ऐप पर यूजर्स को फ्री और पेड सब्सक्रिप्शन प्लान के माध्यम से कई जॉनर और लेंग्वेज में म्यूजिक ट्रैक स्ट्रीम करने की सुविधा दी जाती है।

पेड सब्सक्राइबर्स को कई सोशल फीचर्स के अलावा ऐड-फ्री सॉन्ग, हाई-क्वालिटी वाले ऑडियो, ऑफलाइन सॉन्ग डाउनलोड करने और अनलिमिटेड स्किप की सुविधाएं ऑफर की जाती हैं। यह सर्विस 25 रुपये प्रति हफ्ते के अलावा इंजिविजुअल के लिए 99 रुपये प्रति माह या परिवारों के लिए 119 रुपये प्रति माह और 749 रुपये प्रति वर्ष के एनुअल प्लान तक की कीमतों पर उपलब्ध थी।

उथल-पुथल भरी रही बाइटडांस की भारत में जर्नी

दुनिया के सबसे मूल्यवान स्टार्टअप बाइटडांस की हाल के सालों में भारत में जर्नी उथल-पुथल भरी रही है। भारत सरकार ने पहले जून 2020 में चीनी ऐप प्रतिबंध की पहली लहर में राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों का हवाला देते हुए टिकटॉक, हेलो और कैपकट सहित इसके कई ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस आदेश के बाद, ऐप को ऐप्पल और Google ने अपने संबंधित मोबाइल ऐप स्टोर से हटा दिया था। जनवरी 2021 में सरकार ने इस बैन को परमानेंट कर दिया।

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