Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को बजट पेश करेंगी। आनेवाला बजट ‘अंतरिम’ होगा क्योंकि 2024 के अप्रैल-मई में चुनाव होने वाले हैं। आने वाली सरकार साल के अंत में अपना पूर्ण बजट पेश करेगी। इसलिए इससे पहले पेश होने वाल बजट अंतरिम बजट कहलाता है। ये आम बजट से अलग होता है। क्या आपको पता है कि सरकार किस डॉक्यूमेंट के जरिये अपने अकाउंट्स के बारे में बताती है। कंटिजेंसी फंड ऑफ इंडिया क्या होता है। यहां आपको बजट से जुड़े कुछ ऐसे ही टर्म्स के बारे में बता रहे हैं जिससे बजट की भाषा समझना आसान हो जाएगा।
वोट ऑन अकाउंट क्या है?
जिस साल देश में आम चुनाव होने वाले होते हैं उस साल सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं करती है। सरकार अंतरिम बजट के जरिए अगले वित्त वर्ष के सिर्फ शुरुआती कुछ महीनों में अपने खर्च के प्रस्ताव पर संसद की मंजूरी हासिल करती है। इसलिए इसे अंतरिम बजट या वोट ऑन अकाउंट कहा जाता है।
वोट ऑन अकाउंट क्यों जरूरी है?
वोट ऑन अकाउंट यानी लेखानुदान का प्रावधान संविधान के आर्टिकल 116 में शामिल है। इसके जरिए सरकार को अपने जरूरी खर्चों के लिए कंसॉलिडिटेड फंड के इस्तेमाल की इजाजत मिलती है। इसका मतलब है कि सरकार वोट ऑन अकाउंट के जरिए संसद में यह प्रस्ताव पेश करती है कि जब तक नई सरकार पूर्ण बजट पेश कर उसे संसद से पारित नहीं करा लेती मौजूदा सरकार अपने खर्च के लिए कंसॉलिडेटेड फंड का इस्तेमाल कर सकती है। आम तौर पर यह समय दो महीने का होता है। लेकिन चुनाव की प्रक्रिया को ध्यान में रख नए वित्त वर्ष के चार महीनों के खर्च के लिए संसद की मंजूरी हासिल करती है।
विनियोग विधेयक (Appropriation Bill) क्या है?
कंसॉलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया से पैसे निकालने के लिए विनियोग विधेयक की जरूरत पड़ती है। यह एक मनी बिल है जिसे साल में एक बार या एक से ज्यादा पारित पारित कराया जाता है। संविधान से मनी बिल को पारित करने के मामले में लोकसभा को ज्यादा अधिकार हासिल है। संविधान के आर्टिकल 114 में यह कहा गया है कि संसद या राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी के बगैर कंसॉलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया से पैसा नहीं निकाला जा सकता। आम तौर पर बजट पेश होने के बाद विनियोग विधेयक पेश किया जाता है ताकि सरकार आवंटन के लिए पैसा निकाल सके।
कंटिजेंसी फंड ऑफ इंडिया क्या है?
यूनियन बजट के साथ एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट पेश किया जाता है जो वित्त वर्ष के दौरान सरकार के अनुमानित रेवेन्यू और खर्च के बारे में बताता है। रिसीट और डिस्बर्समेंट ऐसे तीन हिस्सों में दिखाया जाता है, जिनमें सरकार अकाउंट रखा जाता है। ये हैं-कंसॉलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया, कंटिजेंसी फंड ऑफ इंडिया और पब्लिक अकाउंट ऑफ इंडिया। राष्ट्रपति के अधिकार वाला यह ऐसा फंड है जिसका इस्तेमाल संसद की मंजूरी के बाद अप्रत्याशित खर्च के लिए किया जाता है।