Budget 2024: अगले महीने की पहली तारीख यानी एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। चूंकि यह चुनावी वर्ष है यानी इस साल केंद्र की अगली सरकार के लिए इलेक्शन होना है तो यह बजट पूरे वित्त वर्ष के लिए नहीं होगा। ऐसे में परंपरा के हिसाब से ही टैक्स एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि इस अंतरिम बजट में कम बदलाव ही होंगे। हालांकि उनका यह भी मानना है कि इसमें कारोबारी सुविधा को बढ़ाने और ‘मेक इन इंडिया’ पर फोकस रह सकता है। अधिकतर टैक्स एक्सपर्ट्स इस बात पर एकमत हैं कि वोट ऑन अकाउंट बजट में बड़े पैमाने पर बदलाव नहीं होगा लेकिन इसमें ऐसे ऐलान हो सकते हैं जिससे इकनॉमिक ग्रोथ को प्रोत्साहन मिलेगा, टैक्स की प्रक्रिया आसान होगी और घरेलू मैनुफैक्चरिंग को सपोर्ट मिलेगा।
क्या कहना है है टैक्स एक्सपर्ट्स का
EY में डायरेक्ट टैक्स के पार्टनर अमरपाल चड्ढा का कहना है कि यह वोट ऑन अकाउंट है तो इससे वास्तव में बहुत अधिक उम्मीदें रखना गलत हो सकता है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसमें इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को नए टैक्स रिजीम की तरफ शिफ्ट करने के लिए इंसेंटिव का ऐलान हो सकता है। उनकी उम्मीद कैपिटल गेन्स और हाउसिंग सेक्टर से जुड़े ऐलान को लेकर भी है।
EY में इनडायरेक्ट टैक्स के पार्टनर कुणाल चौधरी ने भी ऐसी ही उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि चूंकि यह वोट ऑन अकाउंट बजट है तो इसमें अधिक बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि कस्टम ड्यूटी रेट में एडजस्टमेंट्स और कुछ सेक्टर्स के लिए चरणबद्ध तरीके से मैनुफैक्चरिंग प्लान के जरिए इसमें ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने पर फोकस हो सकता है।
वित्त मंत्री पहले ही दे चुकी हैं संकेत
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि 1 फरवरी 2024 को पेश होने वाला बजट मुख्य रूप से वोट ऑन अकाउंट के रूप में होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बजट में किसी बड़े ऐलान से परहेज किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि यह बजट सिर्फ वोट ऑन अकाउंट होगा। इस समय चुनावी दौर है और आने वाली गर्मियों में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जो बजट पेश करेगी, वह सिर्फ नई सरकार बनने तक सरकार के खर्चों को भरने के लिए होगा। उन्होंने ये बातें नई दिल्ली में ग्लोबल इकनॉमिक पॉलिसी फोरम 2023 में कही।