अंतरिम बजट 2024 का मकसद इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल एक्सपेंडिचर को प्राथमिकता देकर कंजम्प्शन को बढ़ावा देना है। हालांकि, बजट में इनकम टैक्स में छूट जैसे डायरेक्ट उपायों पर ध्यान नहीं दिया गया है। एक्सिस सिक्योरिटीज (Axis Securities) के एनालिस्ट प्रियम तोइला ने बताया, ‘ इस बजट में कंज्यूमर्स या FMCG कंपनियों के लिए तात्कालिक तौर पर कोई राहत नहीं है। हालांकि, कैपिटल एक्सपेंडिचर में 11.1 पर्सेंट की बढ़ोतरी से अप्रत्यक्ष तौर पर कंजम्प्शन को बढ़ावा मिलेगा।’ उनका कहना था, ‘ अगर सरकार सड़कें बनाने पर खर्च जारी रखती है, तो मजदूरों को इसका फायदा मिलेगा और उनके हाथों में ज्यादा इनकम होगी। ‘
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में लोगों की वास्तविक औसत इनकम में 50 पर्सेंट की बढ़ोतरी का जिक्र किया था। इसके अलावा, उन्होंने इनफ्लेशन में भी गिरावट की बात कही। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) जैसी योजनाओं के जरिये रोजगार पैदा होने का हवाला भी दिया था। इस योजना से 55 लाख रोजगार पैदा होने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 38 लाख किसानों को फायदा पहुंचा है और 10 लाख लोगों को रोजगार मिला है। इसके अलावा, माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज योजना से 2.4 लाख स्वयं-सहायता समूहों को मदद मिली है। इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) में अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने बताया, ‘ रोजगार की स्थिति पर नजर रखना बेहद जरूरी है, खास तौर पर तब जब नई स्कीम्स के जरिये पुरानी योजनाओं के रोजगार संबंधी नुकसान की भरपाई की जा रही हो। अगर नेट एंप्लॉयमेंट और वास्तविक मेहनताने में बढ़ोतरी होती है, तो हम कंजम्प्शन बढ़ने की उम्मीद कर सकते हैं।’
गांव में मांग को कैसे मिलेगा बढ़ावा
डेलॉइट इंडिया (Deloitte India) में पार्टनर और कंज्यूमर, प्रोडक्ट्स एंड रिटेल सेक्टर आनंद रामनाथन ने बताया, ‘ बजट में कृषि ग्रोथ को बनाए रखने पर फोकस है, जिसके लिए फसल बीमा, नैनो फर्टिलाइजर के इस्तेमाल, तिलहन फसलों में आत्मनिर्भरता जैस उपायों को बढ़ावा देने की बात है। ये घोषणाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी। ग्रामीण खपत को इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च और हाउसिंग सेगमेंट में निवेश में बढ़ोतरी का भी फायदा मिलेगा।’