Bihar Politics: बिहार (Bihar) में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के BJP के नेतृत्व वाले NDA में फिर से शामिल होने की अटकलों के साथ गठबंधन सरकार के भविष्य पर खतरा मंडराने लगी है। इसी के चलते एक बार फिर बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में विधायकों की संख्या पर केंद्रित हो गया है। नीतीश के NDA में वापस आने की अफवाहें गुरुवार को तब शुरू हुईं, जब RJD सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने X पर पोस्ट में “हवाओं की दिशा बदलने के साथ विचारधारा बदलने” की बात कही।
ये अटकलें तेज हो गईं, क्योंकि JDU और RJD दोनों ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए अलग-अलग बैठकें कीं।
बिहार विधानसभा के आंकड़ों पर डालें एक नजर:
बिहार विधानसभा में कुल 243 सदस्य हैं, जिसमें राज्य में सबसे ज्यादा विधायक RJD के हैं, उसके बाद BJP और फिर नीतीश कुमार की JDU है। बिहार में प्रत्येक पार्टी में विधायकों की कुल संख्या है:
कांग्रेस – 19
निर्दलीय – 1
वर्तमान में, बिहार में ‘महागठबंधन’ सरकार में RJD, JDU, कांग्रेस और तीन वामपंथी दल शामिल हैं – जिनके कुल 159 विधायक हैं। हालांकि, अगर JDU गठबंधन से बाहर हो जाता है, तो उनके पास 114 विधायक रह जाएंगे, जिससे गठबंधन सरकार गिर जाएगी।
बता दें कि 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में अगर कोई पार्टी या गठबंधन सरकार बनाना चाहती है, तो उसके पास कम से कम 122 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है।
अब, अगर कुमार की JDU फिर से BJP से हाथ मिलाती है, तो उनके पास 125 से ज्यादा विधायक होंगे, जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त हैं।
नीतीश कुमार अपना मुख्यमंत्री पद बरकरार रखने के लिए पाला बदलने के लिए जाने जाते हैं। 2020 में नीतीश ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था।
जबकि वह गठबंधन में एक छोटे भागीदार थे, दोनों दलों के बीच चुनाव पूर्व समझौते के कारण कुमार मुख्यमंत्री बन गए। हालांकि, 2022 में बिहार के सीएम ने सरकार बनाने के लिए बीजेपी छोड़ दी और महागठबंधन में शामिल हो गए।