Bihar Floor Test: बिहार में विश्वास मत के लिए 24 घंटे से भी कम समय बचा है। बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में सोमवार यानी 12 फरवरी को महागठबंधन का साथ छोड़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली NDA के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बहुमत साबित करना है। फ्लोर टेस्ट के एक दिन पहले रविवार को बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। बिहार विधानसभा ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि नवगठित सरकार के 12 फरवरी को विश्वास मत हासिल करने से पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना होगा।
बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड (JDU) के लिए चिंता का विषय यह है कि उसके 3 विधायक रविवार शाम को सीएम नीतीश कुमार की तरफ से पटना में बुलाई गई विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक में फिर से शामिल नहीं हुए। इससे पहले 6 विधायक शनिवार को मंत्री श्रवण कुमार के घर पर लंच में शामिल नहीं हुए थे।
सीटों का गणित
बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में नीतीश कुमार की JDU, भारतीय जनता पार्टी (BJP), पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा-सेक्युलर (HAM-S) और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं, जिनकी कुल संख्या 128 है। वहीं, विपक्षी ‘महागठबंधन’ के 114 विधायक हैं, जिनमें RJD, कांग्रेस और 3 वाम दलों के विधायक शामिल हैं। बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से JDU के पास 45 विधायक हैं। जबकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास 79 विधायक हैं।
वहीं, उसके गठबंधन सहयोगी HAM-S के पास 4 विधायक हैं। इसके अलावा NDA को एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है। इस तरह 243 सदस्यीय विधानसभा में NDA के विधायकों की कुल संख्या 128 है। विपक्षी खेमें की बात करें तो RJD, कांग्रेस और तीन वामपंथी दलों के महागठबंधन के पास बहुमत हासिल करने के लिए 8 विधायक कम हैं। बहुमत का आंकड़ा हासिल करने के लिए गठबंधन को 122 विधायकों की जरूरत है।
ये विधायक बैठक में नहीं हुए शामिल
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, बैठक में शामिल नहीं होने वाले JDU विधायकों में रूपौली विधायक और पूर्व मंत्री बीमा भारती, सुरसंड विधायक दिलीप रे (जो पहले राष्ट्रीय जनता दल में थे) और बरबीघा विधायक सुदर्शन कुमार शामिल हैं। हालांकि, JDU मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इन विधायकों की अनुपस्थिति को अधिक महत्व नहीं दिया। चौधरी ने कहा कि उन्होंने इस बैठक में अपनी अनुपस्थिति के बारे में पार्टी को सूचित कर दिया था।
चौधरी ने पत्रकारों से कहा, ”हमें अपना बहुमत साबित करने का आश्वासन दिया गया है। दो-तीन विधायक नहीं आए, लेकिन उन्होंने पार्टी को सूचना दे दी थी। वे सभी सुबह तक यहां होंगे। हमारी (NDA) ताकत 128 है और हम इसे साबित करेंगे। उन्होंने कहा, ”हम आसानी से बहुमत हासिल कर लेंगे। चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। JDU की बैठक 90 मिनट से अधिक समय तक चली।
कहां-कहां हुए हैं विधायक?
इस बीच, बीजेपी विधायक रविवार शाम बोधगया से राज्य की राजधानी पटना लौट आए। सभी विधायक रात्रिभोज के लिए उपमुख्यमंत्री विजय किमार सिन्हा के आवास पर पहुंचे। वहीं, RJD की अगुवाई में महागठबंधन के विधायक पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव के 5 देशरत्न मार्ग स्थित आवास पर डेरा डाले हुए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने रविवार को विधायकों से मुलाकात की, जबकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी आवास पर गए। मामले से परिचित लोगों ने बताया कि RJD के 79 विधायकों में से 78 विधायक और 3 वाम दलों के 16 विधायक तेजस्वी बंगले के अंदर रुके हुए हैं। बताया जाता है कि RJD की एक महिला विधायक नीलम देवी पटना में अपने आवास पर रह रही हैं। JDU और BJP नेताओं ने अपने विधायकों को तेजस्वी के घर में रखने के लिए RJD की आलोचना की है।
RJD ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि बिहार विधानसभा में स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ एक दिन बाद अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के दौरान पार्टी सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार का डटकर मुकाबला करेगा। RJD के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने विधायकों से अपील की है कि वे विश्वास मत के दौरान अपनी अंतरात्मा की आवाज के अनुरूप मतदान करें। RJD ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पाला बदलने से उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) में असंतोष पैदा हो गया है।