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AI से प्रेरित कलाकृति का “डिजिटल पर्यावरणवाद“ पर जादुई आकर्षण

AI से प्रेरित कलाकृति का “डिजिटल पर्यावरणवाद“ पर जादुई आकर्षण

Large Nature Model  नामक इस कृति को बनाने वाले हैं मशहूर मीडिया हस्ती रेफ़िक अनादोल, जिन्होंने दुनिया की प्रवाल भित्तियों का सुन्दरता और भंगुरता के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ जलवायु संकट का मुक़ाबला करने की सख़्त ज़रूरत पर ज़ोर देने के लिए, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का लाभ उठाते हुए, इस कृति को तैयार किया है.

हरे, नारंगी और श्वेत रगों के मिश्रण में उभरते-सिमटते ये अदभुत आकार, एक दूसरे में सिमटते और बाहर की तरफ़ फैलते भी हैं, और ये एक अन्तहीन सिलसिला है, जिसमें एक रूप या रुझान, दोबारा नहीं आता है. 

इसकी पृष्ठभूमि में बजता संगीत, देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता है. अगर इस कृति को देखते-देखते आपकी नज़र कहीं ठहर गई तो, आप इसके सम्मोहन के जादू से नहीं बच पाएंगे.

यह कलाकृति संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के उच्चस्तरीय सप्ताह और भविष्य के शिखर सम्मेलन जैसे विशाल आयोजनों के अवसर पर, यूएन मुख्यालय परिसर में, एक पूरी दीवार पर प्रदर्शित की गई है. 

दुनिया भर से आई बड़ी हस्तियों के लिए इस अति सुन्दर कृति को अनदेखा करना पाना तकरीबन नामुमकिन है.

इस कृति के रचनाकार का उद्देश्य, लोगों की आँखों को इसकी तरफ़ आकर्षित करने के साथ-साथ, दो प्रमुख वैश्विक मुद्दों की तरफ़ भी ध्यान खींचना है, जिन पर यूएन मुख्यालय में, महासभा के उच्चस्तरीय सप्ताह की जनरल डिबेट में चर्चा हो रही है. वो मुद्दे हैं: जलवायु संकट और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रभाव.

शब्दहीन कर देने वाला सन्देश

इस कृति को तैयार करने के लिए, प्रवाल भित्तियों की लाखों तस्वीरें AI की मदद से एकत्र की गईं. ध्यान देने की बात है कि प्रवाल भित्तियों की बहुत सी क़िस्में, समुद्रों के बढ़ते स्तर के कारण जोखिम में पड़ गई हैं.

इस कृति को देखने का प्रभाव दर्शक पर सम्मोहित कर देने वाला और सन्दर्भ को देखते हुए मार्मिक भी है, और वो ये कि प्रवाल भित्तियों की पारिस्थितिकी, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सहन करने के मामले में, बहुत की नाज़ुक है.

प्रवाल भित्तियाँ, एक तरह से पानी के भीतर बसे हुए बड़े-बड़े शहर हैं, जो समुद्री जीवन के 25 प्रतिशत हिस्से को सहारा देते हैं. अगर जलवायु परिस्थितियाँ ऐसी ही रहीं तो ये प्रवाल भित्तियाँ इस सदी के अन्त तक लुप्त भी हो सकती हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी Large Nature Model: Coral नामक इस डिजिटल कलाकृति को देखा.

रचनाकार रेफ़िक अनादोल इस कृति का अनावरण करते हुए कहते हैं, “मेरा ख़याल है कि Large Nature Model: Coral कृति लोगों यह देखने-समझने के लिए प्रेरित करती है कि टैक्नॉलॉजी किस तरह, पृथ्वी के साथ हमारे गहरे सम्बन्ध स्थापित कर सकती है और हमें और अधिक सतत दुनिया की तरफ़, एकजुट होकर काम करने के लिए मज़बूत बना सकती है.”

समाज कल्याण के लिए समर्पित एक संगठन – Patrick J McGovern Foundation के अध्यक्ष विलास धर के भी कुछ ऐसे ही विचार थे. यह संगठन कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डेटा विज्ञान समाधानों को सर्वजन की ख़ातिर आगे बढ़ाने के कार्यों में सक्रिय है.

संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग (DGC) की अवर महासचिव मैलिसा फ़्लेमिंग भी इस कृति को देखकर मंत्रमुग्ध नज़र आईं. 

इन दोनों संस्थाओं ने ही इस प्रदर्शनी का आयोजन किया है.

नज़रिए को नया आकार

विलास धर कहते हैं, “यह कृति केवल नवाचार का कोई उपकरण नहीं है – ये एक ऐसी शक्ति है जो हमारे ग्रह को देखने के हमारे नज़रिए को नया आकार दे सकती है और हमें प्रकृति की सुन्दरता और भंगुरता के साथ इस तरह से जोड़ सकती है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ हो.”

“रेफ़िक अनादोल की शानदार कल्पना, हमें हमारी इन्द्रियों को साकार करने में टैक्नॉलॉजी का प्रयोग करने, और हमारी प्राकृतिक दुनिया से एक गहरा भावनात्मक सम्बन्ध स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करती है.”

Large Nature Model: Coral  नामक यह कृति 21 से 28 सितम्बर तक यूएन मुख्यालय में प्रदर्शित की जा रही है जो भविष्य-सम्मेलन और यूएन महासभा के 79वें सत्र में विश्व नेताओं की पंचायत का समय है.

इन दोनों विशाल आयोजनों में बहुपक्षवाद को मज़बूत किए जाने और अहम चुनौतियों व अवसरों पर चर्चा करना शामिल है, जिनमें AI जैसी नवीन और उभरती प्रौद्योगिकियों द्वारा दरपेश चुनौतियाँ शामिल हैं.

"Large Nature Model: Coral" के लिए, लाखों तस्वीरें एकत्र की गईं जिन्हें AI की मदद से ये रूप दिया गया.

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