अदाणी ग्रुप के प्रमोटर गौतम अदाणी और उनके परिवार की योजना ग्रुप की रिन्यूएबल एनर्जी यूनिट में 1 अरब डॉलर निवेश करने की है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि ग्रीन एनर्जी से जुड़े अपने लक्ष्यों की दिशा में ग्रुप तेजी से आगे बढ़ रहा है, जबकि उसका बॉन्ड भी अगले साल मैच्योर हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd.) अपने एक्सपैंशन और री-फाइनेसिंग की जरूरतों को पूरा करने के लिए कंपनी के फाउंडर्स को प्रेफरेंशियल शेयर जारी करने पर विचार कर रही है। इस खबर के बाद कंपनी के शेयरों में 6.7 पर्सेंट तक की बढ़ोतरी देखने को मिली और इससे इस साल हुए कंपनी के नुकसान की भी कुछ हद तक भरपाई हुई। अदाणी ग्रुप के प्रवक्ता ने फाउंडर्स के निवेश के बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया।
फंड जुटाने के प्रस्ताव पर कंपनी बोर्ड 26 दिसंबर को विचार करेगा। कंपनी की एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, बोर्ड की बैठक में कन्वर्टिबल सिक्योरिटीज या शेयरों को बेचने जैसे विकल्पों का भी आकलन किया जाएगा। हालांकि, एक्सचेंज फाइलिंग में इस मामले में और ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।
जानकारों का मानना है कि इक्विटी फंडिंग के जरिये री-फाइनेंसिंग का जोखिम कम हो सकता है, लेकिन गवर्नेंस को लेकर चिंताएं बनी रह सकती हैं। कंपनी ने 2030 तक 45 गीगावॉट ग्रीन एनर्जी उत्पादन करने का लक्ष्य तय किया है और अगले साल उसके 1.2 अरब डॉलर के बॉन्ड भी मैच्योर हो रहे हैं। बॉन्ड के भुगतान या रीफाइनेंसिंग के लिए कंपनी ने पहले ही योजनाएं बनानी शुरू कर दी हैं। इस महीने के शुरू में कंपनी ने 8 बैंकों से कर्ज भी लिया है।
अदाणी ग्रुप इन तमाम कोशिशों के जरिये अपने उस नुकसान की भरपाई करने में जुटा है, जो उसे कॉरपोरेट फ्रॉड के आरोपों के बाद हुआ है। इस साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च में ये आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद पावर से पोर्ट तक में सक्रिय इस ग्रुप को महीनों तक परेशानी का सामना करना पड़ा था।