संयुक्त राष्ट्र की यह विशिष्ट स्वास्थ्य एजेंसी, 1948 से, प्रयोगशालाओं से लेकर युद्ध के मैदानों तक, सर्वजन के कल्याण के लिए समर्पित है.
यह विज्ञान के सिद्धान्तों के अनुरूप काम करती है और इसके 194 सदस्य देशों के समर्थन से संचालित होती है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल है.
सोमवार को नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में, इस संगठन से अलग होने की घोषणा करने वाला देश अमेरिका दरअसल इस संगठन का सह-संस्थापक है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया के लिए क्या किया है? इसका संक्षिप्त सा जवाब है – बहुत कुछ.
संयुक्त राष्ट्र की यह एजेंसी, वर्तमान में 150 से अधिक स्थानों पर अपने सदस्य देशों के साथ स्वास्थ्य मोर्चों पर काम कर रही है. इसने सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं.
दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संस्था के बारे में आपकी जानकारी के लिए कुछ तथ्य यहाँ प्रस्तुत हैं:
आपात स्थितियों से निपटना
WHO ने, संकट, युद्धों व टकरावों, बीमारियों के प्रकोप के निरन्तर ख़तरों और जलवायु परिवर्तन के बीच ग़ाज़ा, सूडान व यूक्रेन में युद्धग्रस्त क्षेत्रों तक, दूरस्थ तथा ख़तरनाक क्षेत्रों में जीवन रक्षक टीके एवं चिकित्सा आपूर्ति पहुँचाने के लिए उपयुक्त कार्रवाई की है.
स्वास्थ्य सेवाएँ अभूतपूर्व जोखिमों का सामना कर रही हैं. WHO ने 2023 में, 19 देशों और क्षेत्रों में स्वास्थ्यकर्मियों, मरीज़ों, अस्पतालों, क्लीनिकों व एम्बुलेंसों पर 1,200 से अधिक हमले दर्ज किए, जिनमें 700 से अधिक मौतें हुईं तथा लगभग 1,200 लोग घायल हुए.
WHO की टीमें अक्सर उन स्थानों पर पहुँच जाती हैं, जहाँ अन्य लोगों व संगठनों के लिए पहुँचना असम्भव होता है. वो घायल मरीजों क़ो नियमित रूप से इलाज के लिए बाहर निकालने और संघर्ष या आपदा-ग्रस्त क्षेत्रों में जीवन रक्षक उपकरण, आपूर्ति और सेवाएँ प्रदान करते हैं.
WHO की टीमों ने, सितम्बर 2024 में, ग़ाज़ा के युद्धग्रस्त क्षेत्र में एक बहु-एजेंसी पोलियो टीकाकरण अभियान के कार्यान्वयन में मदद की. इस इलाक़े में पूर्ण उन्मूलन के 25 वर्षों के बाद तेज़ी से फैलने वाले इस वायरस ने फिर सर उठाया था.
स्वास्थ्य संकटों की निगरानी व समाधान
WHO के विशेषज्ञों की टीमें हर दिन और रातभर, वैज्ञानिक शोधपत्र व बीमारी निगरानी रिपोर्टों जैसी व्यापक सूचनाओं की जाँच करती हैं, ताकि बीमारी के प्रकोप या अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य ख़तरों के संकेतों की पहचान कर सकें. इनमें एवियन फ़्लू से लेकर COVID-19 तक के ख़तरे शामिल हैं.
WHO, संक्रमणीय बीमारी के प्रकोप की रोकथाम, उनका पता लगाने और उनके उपचार के लिए काम करता है.साथ ही, आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच को मज़बूत करता है.
इसमें शिशुओं के जन्म से लेकर, युद्ध में घायल लोगों का इलाज करने और स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देने तक, हर प्रकार की स्वास्थ्य कार्रवाई के लिए अस्पतालों की क्षमता बढ़ाना शामिल है.
दुनिया भर में बीमारियों का उन्मूलन
उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियाँ होने पर, कई प्रकार की बीमारियों का ख़ात्मा सम्भव है. इनमें उपेक्षित संक्रामक एवं वाहक-जनित बीमारियाँ, यौन संचारित संक्रमण, माँ से बच्चे में संक्रमण और टीकों से रोकथाम योग्य रोग शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी, बीमारियों के निदान हेतु, आवश्यक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के साथ-साथ, प्रयोगशालाओं की क्षमता बढ़ाने का काम करती है.
2024 में, WHO के सदस्य देशों ने इन प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं.
सात देशों (ब्राज़ील, चाड, भारत, जॉर्डन, पाकिस्तान, तिमोर-लेस्ते और वियतनाम) ने कुष्ठ रोग और ट्रेकोमा सहित कई उष्णकटिन्धीय बीमारियों का उन्मूलन किया.
बेलीज, जमैका और सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस में एचआईवी और सिफ़लिस का, माँ से बच्चे में संक्रमण रुक चुका है, और नामीबिया ने एचआईवी व हैपेटाइटिस बी के, माँ से बच्चे में संक्रमण के उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है.
WHO ने, पिछले सात दशकों में, 1980 में छोटे चेचक का उन्मूलन, पोलियो का लगभग ख़ात्मा और ग़ाज़ा में हाल के युद्ध के दौरान जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने जैसे कई अहम कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
एआई और डिजिटल स्वास्थ्य
WHO, डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी नवीन प्रौद्योगिकियों को अपनाने की दिशा में क़दम बढ़ा रहा है.
WHO, उभरती AI प्रौद्योगिकियों के बढ़ते प्रभाव के बीच, स्वास्थ्य के लिए इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के प्रयासों में लगा है.
इनमें अक्टूबर (2024) में प्रकाशित नए दिशानिर्देश शामिल हैं. इनमें कैंसर या तपेदिक जैसी स्थितियों का पता लगाने या उनके उपचार के लिए AI की क्षमता का उपयोग करने जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण नियामक विचार प्रस्तुत किए गए हैं.
साथ ही, अनैतिक डेटा संग्रह, साइबर सुरक्षा ख़तरों और पूर्वाग्रह या ग़लत सूचना के प्रसार जैसे जोखिमों को कम करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.
जलवायु-सम्बन्धित घातक स्वास्थ्य संकट का सामना
जलवायु से जुड़े स्वास्थ्य संकटों से कम से कम 3.5 अरब लोग प्रभावित हैं. यह वैश्विक जनसंख्या का लगभग आधा हिस्सा है.
2023 में अत्यधिक गर्मी, चरम मौसम घटनाओं व वायु प्रदूषण के कारण लाखों लोगों की मृत्यु हुई, जिससे स्वास्थ्य प्रणालियों और कामकाजी जनसंख्या पर भारी दबाव पड़ा.
इसका प्रभाव, वर्तमान में अमेरिका के पश्चिमी तट में लगी जंगल की आग से लेकर, इंडोनेशिया में आई घातक बाढ़ तक देखा गया.
WHO की कार्रवाई का एक हिस्सा, जलवायु परिवर्तन के व्यापक प्रभावों से स्वास्थ्य की रक्षा करना है, जिसमें कमज़ोरियों का आकलन करना व योजनाएँ विकसित करना शामिल है.
यह संयुक्त राष्ट्र एजेंसी, अत्यधिक गर्मी और संक्रामक बीमारियों जैसे प्रमुख ख़तरों के लिए कार्रवाई तंत्र लागू करने और पानी तथा खाद्य जैसे स्वास्थ्य निर्धारक क्षेत्रों में सहनशीलता और अनुकूलन का समर्थन करने पर भी काम कर रही है.
वर्तमान में WHO क्या कर रहा है?
WHO एक वैश्विक सन्धि के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है, जो महामारी की रोकथाम, तैयारी एवं प्रतिक्रिया को मज़बूत करने हेतु एक सघन क़दम है. यह ठीक उन्हीं सिद्धान्तों पर आधारित है, जो 1851 में अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य सम्मेलन के संस्थापकों ने अपनाए थे.
यह संयुक्त राष्ट्र एजेंसी, अपने तिगुने अरब के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी काम कर रही है.
2019 में निर्धारित इन लक्ष्यों के तहत, 2025 तक, एक अरब अधिक लोग सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का लाभ उठा रहे होंगे, एक अरब अधिक लोग स्वास्थ्य आपात स्थितियों से बेहतर संरक्षित होंगे, और एक अरब अधिक लोग बेहतर स्वास्थ्य एवं कल्याण का आनंद ले रहे होंगे.
WHO का नेतृत्व कौन करता है?
WHO का नेतृत्व सही मायनों में अन्तरराष्ट्रीय है. जिनीवा स्थित संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी का नेतृत्व इस समय इसके महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस कर रहे हैं.
2024-2025 के लिए अनुमोदित द्विवार्षिक कार्यक्रम बजट 6.83 अरब डॉलर है, जो सदस्य देशों के आकलन एवं स्वैच्छिक योगदान से आता है.
WHO के लिए निर्णय लेने वाली संस्था विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly) है जो सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से गठिनत है और वो, डब्ल्यूएचओ की प्राथमिकताओं व नीतियों पर सहमति बनाने के लिए वार्षिक रूप से बैठक करते हैं.
सदस्य देश ऐसे स्वास्थ्य लक्ष्यों और रणनीतियों पर निर्णय लेते हैं, जो उनके अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यों एवं डब्ल्यूएचओ सचिवालय के प्रयासों का मार्गदर्शन करते हैं, ताकि दुनिया को सर्वजन के लिए बेहतर स्वास्थ्य व कल्याण की ओर अग्रसर किया जा सके.
इसमें वे सुधारात्मक उपाय भी शामिल हैं, जिन्होंने डब्ल्यूएचओ को अधिक प्रभावी बनाया है.