विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने, इस स्थिति का सामना करने के लिए, वर्ष 2025 के लिए अपनी स्वास्थ्य आपातकालीन अपील के माध्यम से, दुनिया भर में, जीवन रक्षक स्वास्थ्य सहायता मुहैया करने के लिए $1.5 अरब धनराशि जुटाने की अपील जारी की है.
WHO के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेब्रेयेसस ने गुरूवार को यह अपील जारी की है जिसमें मौजूदा 42 स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए, तत्काल प्राथमिकताओं की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है.
इनमें से 17 आपातस्थितियों से निपटने के लिए तत्काल और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है.
डॉक्टर टैड्रॉस ने कहा, ” टकराव व युद्ध, प्रकोप, जलवायु सम्बन्धी आपदाएँ और अन्य आपात स्थितियाँ अब अलग-थलग या कभी-कभार होने वाली घटनाएँ नहीं रह गई हैं – वे निरन्तर, एक दूसरे में गुँथी हुई और तीव्र होती जा रही हैं.”
उन्होंने कहा, “यह अपील केवल संसाधन उपलब्ध कराने के बारे में नहीं है; यह WHO को, जीवन बचाने, स्वास्थ्य के अधिकार की रक्षा करने और ऐसी जगहों पर आशा प्रदान करने में सक्षम बनाने के बारे में है, जहाँ अक्सर कोई उम्मीद नहीं होती है.”
संकट में फँसी एक दुनिया
यह अपील ऐसे समय में आई है जब WHO ने स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढाँचों पर, अभूतपूर्व स्तर के हमले दर्ज किए हैं.
केवल वर्ष 2024 में ही, 15 देशों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर 1,515 हमले हुए, जिनके परिणामस्वरूप सैकड़ों लोगों की मृत्यु हुई और महत्वपूर्ण सेवाएँ बुरी तरह से बाधित हुईं.
WHO की सहायता कार्रवाई दुनिया के कुछ सबसे नाज़ुक क्षेत्रों तक फैली हुई है, जिनमें काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र, सूडान और यूक्रेन शामिल हैं.
WHO इन क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा देखभाल मुहैया कराता है, बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए टीकाकरण अभियानों को समर्थन देता है, आघात से प्रभावित समुदायों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करता है, और कुपोषण और मातृ स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरी करने में मदद करता है.
WHO ने, यूक्रेन में नष्ट हो चुकी स्वास्थ्य सुविधाओं के स्थानव पर, अस्थाई क्लीनिक स्थापित किए हैं, ताकि विस्थापित आबादी को आवश्यक देखभाल की निरन्तरता सुनिश्चित की जा सके.
ग़ाज़ा में, महत्वपूर्ण रसद और सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद, वर्ष 2024 में 10 लाख से अधिक पोलियो टीके लगाए गए, जिससे बच्चों में भयावह प्रकोप को रोका जा सका.
सहनक्षमता का निर्माण
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुखिया ने बताया कि यह विश्व संगठन, तत्काल राहत से परे “समुदायों को ख़ुद की रक्षा करने, समानता को प्राथमिकता देने और बीमारियों से निपनटे के लिए पूर्व तैयारियों की विरासत बनाने” पर ध्यान केन्द्रित करता है.
उन्होंने कहा कि WHO, स्वास्थ्य संकटों के मूल कारणों पर ध्यान देकर और सबसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में भी स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सुनिश्चित करके, पहुँच में बाधा के चक्र को तोड़ना चाहता है और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए, एक मज़बूत आधार तैयार करना चाहता है.
स्वास्थ्य आपातकालीन अपील का समर्थन करना न केवल तात्कालिक संकटों का सामना करने का मुद्दा है, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य के भविष्य की सुरक्षा के बारे में भी है.
स्वास्थ्य व जीवन रक्षा
डॉक्टर टैड्रॉस ने इस अपील को, वैश्विक एकजुटता की पुकार का रूप दिया है जिसमें, दानदाताओं से निर्णायक रूप से कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया गया है.
वर्ष 2024 में, मानवीय सहायता कार्रवाइयों में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए निर्धारित धनराशि से, चिन्हित ज़रूरतों का केवल 40 प्रतिशत पूरा किया, जिससे यह तय करना मुश्किल हो गया कि सहायता कहाँ और किसे पहुँचाई जा सकती है.
तत्काल वित्तीय सहायता नहीं मिली तो लाखों लोग जोखिम में रहेंगे और दुनिया की सबसे कमज़ोर आबादी को, इस कमी का सबसे अधिक ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ेगा.
यह अपील समानता, सहनक्षमता और इस साझा सिद्धान्त में एक निवेश है कि स्वास्थ्य एक मौलिक मानव अधिकार है.
जुटाए गए धन के साथ WHO का लक्ष्य, युद्ध व टकराव वाले क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने से लेकर, जलवायु आपदाओं के स्वास्थ्य प्रभावों से निपटने तक, अग्रिम पंक्ति में अपना महत्वपूर्ण कार्य जारी रखना है, यह सुनिश्चित करके, कि कोई भी पीछे न छूट जाए.