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सीरिया: विभिन्न धड़ों के साथ यूएन दूत की वार्ता सम्पन्न, लोकतांत्रिक भविष्य की उम्मीद

सीरिया: विभिन्न धड़ों के साथ यूएन दूत की वार्ता सम्पन्न, लोकतांत्रिक भविष्य की उम्मीद

विशेष दूत गेयर पैडरसन ने क़रीब दो सप्ताह पहले, दशकों की तानाशाही के नाटकीय पतन का उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि अभी ये शुरुआती दिन ही हैं. “लेकिन यह कहना महत्वपूर्ण है कि बहुत उम्मीद है कि अब हम एक नए सीरिया की शुरुआत को देख सकते हैं.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि किसी भी प्रकार की राजनैतिक बदलाव प्रक्रिया को सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 के अनुरूप आकार देना होगा, जिसमें एक नए संविधान, निष्पक्ष व स्वतंत्र चुनावों और सीरियाई नागरिकों के नेतृत्व में समावेशी राजनैतिक व्यवस्था की बात कही गई है.

विशेष दूत ने भरोसा दिलाया कि सीरिया में सभी लोगों को समर्थन देने के लिए यूएन प्रतिबद्ध है ताकि इन सभी लक्ष्यों को हासिल किया जा सका.

उन्होंने माना कि सीरिया के अनेक हिस्सों में हालात अब भी नाज़ुक हैं, विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में जहाँ युद्धविराम की अवधि में हाल ही में विस्तार किया गया था.

“दमिश्क में स्थिरता है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में चुनौतियाँ बरक़रार हैं.” विशेष दूत पैडरसन ने कठिन आर्थिक परिस्थितियों का भी उल्लेख किया.

“हमें तुरन्त मानवीय सहायता की आवश्यकता है, मगर हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सीरिया को फिर से खड़ा किया जाए, कि हम आर्थिक बहाली को देख सकें और हम ऐसी स्थिति की शुरुआत होते देखें, जिससे प्रतिबन्धों का अन्त करने की प्रक्रिया आगे बढ़ सके.”

सीरियाई नेतृत्व में राजनैतिक प्रक्रिया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने सीरियाई नागरिकों के नेतृत्व में, प्रस्ताव 2254 के अनुरूप, यूएन के तत्वाधान में, समावेशी राजनैतिक प्रक्रिया पर बल दिया है.

मंगलवार देर रात, सुरक्षा परिषद ने एक प्रैस वक्तव्य जारी किया जिसमें सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने सीरिया की सम्प्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपना संकल्प व्यक्त किया है और सभी देशों से इन सिद्धान्तों का सम्मान करने का आग्रह किया है.

इस वक्तव्य में सीरिया के पड़ोसी देशों से अनुरोध किया गया है कि ऐसे किसी भी क़दम या हस्तक्षेप से दूरी बरती जानी होगी, जिससे एक दूसरे की सुरक्षा को ठेस पहुँचती हो.

साथ ही, आतंकवाद और आइसिल (दाएश) जैसे चरमपंथी गुटों को देश में अपने पाँव फिर से पसारने की रोकथाम करना अहम होगा. ये गुट कई वर्षों तक देश में सक्रिय रह चुके हैं.

सुरक्षा परिषद के अनुसार, सीरियाई प्रशासन का दायित्व मानवाधिकारों का सम्मान करना है, जिसमें न्याय पाने का अधिकार भी है.

बच्चों के लिए विकट हालात

देश में गम्भीर मानवीय संकट अब भी है और बच्चे विशेष रूप से इसका दंश भुगत रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के अनुसार, 75 लाख बच्चों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.

इनमें 64 लाख बच्चों को संरक्षण सहायता की भी ज़रूरत है, ताकि उन्हें जबरन श्रम, बचपन में शादी और हथियारबन्द गुटों में भर्ती होने से रोका जा सके.

मध्य पूर्व व उत्तर अफ़्रीका के लिए यूनीसेफ़ के निदेशक ऐडुअर्ड बेगबीडर ने बताया कि “14 वर्ष के युद्ध के बाद, लाखों बच्चों ने हिंसक टकराव के अलावा और कुछ नहीं जाना है, और मजबूर हालात ने उन्हें समय से पहले बहुत जल्दी बड़ा बना दिया है.”

उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर सामाजिक संरक्षा सेवाओं की दरकार है ताकि निर्बल हालात में जीवन गुज़ार रहे लोगों व परिवारों को अत्यधिक निर्धनता के गर्त में धँसने से बचाया जा सके.

यूनीसेफ़ अधिकारी ने सभी पक्षों व अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि अति-महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवाओं को जल्द से जल्द शुरू किया जाना होगा.

साथ ही, मानवीय सहायता को जारी रखने के अलावा आर्थिक पुनर्बहाली पर ध्यान केन्द्रित करना होगा, जिसके लिए सार्वजनिक व निजी सैक्टर, दोनों को साथ लेकर चलना अहम होगा.

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