जलवायु परिवर्तन मामलों के लिए यूएन के शीर्ष अधिकारी के इस आहवान के साथ ही, बाकू में यूएन जलवायु वार्ता का दौर आरम्भ हो गया है जोकि 22 नवम्बर तक चलेगा.
जलवायु परिवर्तन पर यूएन फ़्रेमवर्क सन्धि (UNFCCC) के सम्बद्ध पक्षों का 29वाँ सम्मेलन, कॉप29 सम्मेलन के दौरान सदस्य देश, जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में एक नए वित्त पोषण लक्ष्य को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यह विचार त्यागना होगा कि जलवायु वित्त पोषण, कोई परोपकारी कार्य है. तेज़ी से हो रहा जलवायु परिवर्तन, दुनिया भर में हर व्यक्ति को किसी ना किसी रूप में प्रभावित कर रहा है.
यह 2009 में स्थापित किए गए 100 अरब डॉलर के संकल्प से इतर होगा, जिसकी अवधि इस वर्ष के अन्त में समाप्त हो रही है, और जिसे जलवायु कार्रवाई के लिए ज़रूरी धनराशि के नज़रिये से कम माना जाता है.
साइमन स्टील ने कहा कि UNFCCC प्रक्रिया, जलवायु संकट से निपटने और एक दूसरे को कार्रवाई के लिए प्रेरित करने का एकमात्र अवसर है. “और हम जानते हैं कि यह प्रक्रिया काम कर रही है, चूँकि इसके बग़ैर, मानवता 5 डिग्री वैश्विक तापमान की ओर बढ़ रही होती.”
‘कोई देश अछूता नहीं’
उन्होंने अनेक उदाहरणों के ज़रिये बताया कि जलवायु वित्त पोषण पर एक नया समझौता क्यों अहम है. उनके अनुसार यदि विश्व में कम से कम दो-तिहाई देशों ने अपने उत्सर्जनों में कटौती नहीं की, तो हर देश को इसकी भयावह क़ीमत चुकानी होगी.
इसके साथ-साथ, जलवायु व्यवधानों के कारण क़ीमतों में आने वाले उछाल से सप्लाई चेन पर असर होने की आशंका है, जिससे विश्व अर्थव्यवस्था दरक सकती है. उदाहरण के लिए, पनामा नहर में जलस्तर में कमी आने से जहाज़ों की आवाजाही पर गहरा प्रभाव हुआ था.
जलवायु मामलों के लिए यूएन प्रमुख साइमन स्टील ग्रेनाडा से हैं. इस वर्ष जुलाई में चक्रवाती तूफ़ान बेरिल में उनका गृह द्वीप कैरियाकू को भीषण नुक़सान पहुँचा था.
उन्होंने प्रतिनिधियों को कहा कि वह अपने पड़ोसियों, जैसेकि 85 वर्षीय फ़्लोरेंस, और दुनिया भर में लाखों अन्य लोगों से प्रेरित हैं, जो जलवायु परिवर्तन का दंश झेलने के बाद फिर से हौसले के साथ खड़े हो जाते हैं.
वित्त पोषण पर सहमति ज़रूरी
UNFCCC प्रमुख के अनुसार, हर देश में ज़िन्दगियों व आजीविकाओं में इस उथल-पुथल को जारी रहने का जोखिम मोल नहीं लिया जा सकता है.
उन्होंने पूछा कि क्या लोग अपनी खाद्य व ज़रूरी सामान की क़ीमतों को बढ़ते हुए देखना चाहते हैं, अपने देशों को आर्थिक रूप से पिछड़ते हुए, विश्व में अस्थिरता को गहराते हुए देखना चाहते हैं?
साइमन स्टील के अनुसार यदि इन सभी सवालो के जवाब ना हैं, तो फिर एक जलवायु वित्त पोषण समझौते को आकार देना और भी अहम है.
इस क्रम में, उन्होंने वैश्विक वित्तीय प्रणाली में सुधारों की आवश्यकता को रेखांकित किया, जोकि जलवायु प्रभावों पर पार पाने की दृष्टि से ज़रूरी होंगे.
सर्वाधिक गर्म दशक
कॉप29 सम्मेलन के पहले दिन, यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी ने जलवायु स्थिति पर अपना नया अपडेट व एक रैड ऐलर्ट जारी किया है. यूएन एजेंसी ने चिन्ता जताई है कि एक पीढ़ी के भीतर ही, जलवायु में तेज़ी से बदलाव आ रहे हैं, जिसकी बड़ी वजह वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती मात्रा है.
2015 से 2024 तक के वर्षों के दौरान अब तक सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया है. साथ ही, जमी हुई बर्फ़ पिघल रही है, समुद्री जलस्तर में वृद्धि हो रही है और महासागरों का तापमान बढ़ रहा है.
WMO ने बताया कि जनवरी से सितम्बर 2024 तक, वैश्विक औसत तापमान, पूर्व औद्योगिक काल की तुलना में 1.54 डिग्री सेल्सियस अधिक आंका गया.
बाढ़, तूफ़ान, सूखा जैसी चरम मौसम घटनाओं की वजह से दुनिया भर में समुदाय व अर्थव्यवस्थाएँ प्रभावित हो रही हैं.