राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने बुधवार को यूएन महासभा के 79वें सत्र के दौरान जनरल डिबेट को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि हमारे ऊर्जा संयंत्रों और ग्रिड पर जानबूझकर रूस द्वारा हमले किए जा रहे हैं.
देश में सभी थर्मल पावर प्लांट को तबाह कर दिया गया है और जलविद्युत बिजली क्षमता का एक बड़ा हिस्सा भी प्रभावित हुआ है.
“इस तरह से [रूसी राष्ट्रपति] पुतिन सर्दी की तैयारी कर रहे हैं, इस आशा में कि वे लाखों यूक्रेनी नागरिकों, आम परिवारों, महिलाओं व बच्चों, और आम शहरों व गाँवों को बर्बाद कर देंगे.”
“पुतिन उन्हें अंधेरे में, ठिठुरते हुए छोड़ना चाहते हैं, यूक्रेन को पीड़ा में डालने और आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने के इरादे से.”
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने महासभा हॉल में वार्षिक जनरल डिबेट में एकत्र नेताओं से यह कल्पना करने को कहा कि यदि उनके देशों में 80 प्रतिशत ऊर्जा व्यवस्था बर्बाद हो जाए, तो वहाँ क्या हालात होंगे.
“वो कैसा जीवन होगा”
राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने कहा कि उनकी ख़ुफ़िया सूचना के अनुसार, मॉस्को द्वारा यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और उनके बुनियादी ढाँचे पर हमला किए जाने की योजना है, ताकि उन्हें बिजली ग्रिड से अलग कर दिया जाए.
उनके अनुसार, यदि रूस हमारे किसी परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर आपदा की वजह बनता है, तो विकिरण केवल देश की सीमाओं तक सीमित नहीं रहेंगे, और अन्य कई देशों को इसके विनाशकारी प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है.
यूक्रेनी नेता ने क्षोभ जताया कि सुरक्षा परिषद, युद्ध से निपटने में विफल रही है और जब आक्रामक देश द्वारा वीटो शक्ति का इस्तेमाल किया जाए तो यूएन शक्तिहीन हो जाता है.
‘शान्ति प्रस्ताव’
इसके विपरीत, उन्होंने एक शान्ति प्रस्ताव का उल्लेख किया, जिसे उनके अनुसार क़रीब 100 देशों व अन्तरराष्ट्रीय संगठनों का समर्थन प्राप्त है, और जिसमें कोई वीटो अधिकार नहीं है.
“इसलिए, यह शान्ति के लिए सर्वोत्तम अवसर है, हर कोई समान है, और यह कारगर व व्यापक है.”
राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने कहा कि इसमें परमाणु सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है, युद्धबन्दियों की वापसी और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित किया गया है.
इस पृष्ठभूमि में, उन्होंने वैकल्पिक, आधे-अधूरे मन से आगे लाई गई योजनाओं व प्रस्तावों की आलोचना की, और कहा कि इनमें ना केवल यूक्रेनी हितों व पीड़ा को नज़रअन्दाज़ किया गया है, बल्कि रूस के पास लड़ाई को जारी रखने का अवसर भी दिया गया है.
“मैं अपने लोगों के लिए शान्ति चाहता हूँ, वास्तविक शान्ति व न्यायसंगत शान्ति.”
“और, मैं आपसे समर्थन मांग रहा हूँ, दुनिया के सभी देशों से. संयुक्त राष्ट्र बनिए, जिससे हमें शान्ति प्राप्त होगी.”