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भारत: बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए WHO की ख़ास मुहिम

भारत: बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए WHO की ख़ास मुहिम

छत्तीसगढ़ में 21 जुलाई 2024 को भारी बारिश और ऊपरी इलाक़े में तटबन्ध टूटने से, किरन्दुल में आकस्मिक बाढ़ आ गई, जिससे प्रदेश के दन्तेवाड़ा ज़िले के कुआकोंडा ब्लॉक में स्थित इस नगर में, लगभग 8 हज़ार 800 लोग प्रभावित हुए.

बाढ़ के कारण घरों में पानी, कीचड़ और मलबा भर गया, साथ ही बिजली और पेयजल सेवाएँ भी बाधित हो गईं.

दंतेवाड़ा ज़िला प्रशासन ने तुरन्त बचाव और निकासी कार्य शुरू किया, और समुदाय स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) किरन्दुल से स्वास्थ्य समूहों को बाढ़ प्रभावित लोगों के घरों में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए तैनात किया. 

साथ ही, CHC किरन्दुल में, प्रसव, टीकाकरण, अस्पताल में लगातार देखभाल और रोग निगरानी जैसी संस्थागत स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करने के उपाय किए गए.

बीमारियों से ऐहतियात

राय कैम्प, किरन्दुल में अपनी पत्नी श्रीमती गीता के साथ रहने वाले मिस्त्री विनोद प्रसाद सिंह ने बताया, “पहली बाढ़ अचानक 21 जुलाई को आई और हमारे घर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया. हमारे घर तक पहुँचने का रास्ता धँस गया, जिससे वहाँ पहुँचना बहुत कठिन हो गया.”

“लेकिन इस सबके बावजूद, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हमारे घर आकर, डेंगू और मलेरिया की जाँच की और बुख़ार, सर्दी, खाँसी और दस्त के लिए हमें दवाएँ दीं. वे नियमित रूप से ताज़ा जानकारी के बारे में ख़याल रख रहे हैं.”

मिस्त्री विनोद प्रसाद सिंह ने कहा कि आपात स्थिति में मदद के लिए उन्हें एक आशा कार्यकर्ता या सामुदायिक स्वेच्छाकर्मी – मितानिन का फोन नम्बर भी दिया है. मैं इस स्वास्थ्य सहायता से बहुत सन्तुष्ट हूँ.”

आकस्मिक बाढ़ से नष्ट हुए अपने घर के सामने पत्नी गीता सिंह के साथ खड़े, विनोद प्रसाद सिंह.

© WHO India/Gaurav Kumar

ज़िला प्रशासन ने भारत स्थित WHO के क्षेत्रीय दल से कुआकोंडा ब्लॉक में निरन्तर स्वास्थ्य सेवाएँ जारी रखने और बाढ़ का सामना करने के लिए तैयारी व राहत और बचाव कार्यों में सामुदायिक नेतृत्व को मज़बूत करने में समर्थन दिए जाने का अनुरोध किया. 

22 जुलाई को, ज़िला मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में एक स्वास्थ्य टीम, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लिए भेजी गईं जिसका मक़सद ये कार्य करना था:

– घर-घर सर्वेक्षण और सामान्य बीमारियों का इलाज.

– प्रकोपों की निगरानी के लिए स्वास्थ्य समूहों के हर दिन घरों के दौरे.

– वैकल्पिक व्यवस्था (टैंकर) के माध्यम से, सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति.

– घरों में क्लोरीन टैबलेट का वितरण.

– और लोगों को स्वास्थ्य की रक्षा के बारे में जानकारी देना.

घर-घर की स्वास्थ्य निगरानी

डॉक्टर देश दीपक ने अपनी टीम के साथ, बाढ़ प्रभावित लोगों के घर जाकर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कीं.

© WHO India/Suvendu Mistri

WHO की टीम ने बाढ़ के उपरान्त, आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल प्रबन्धन पर मार्गदर्शन प्रदान किया.

साथ ही घर-घर सर्वेक्षणों की निगरानी, बाढ़ के दौरान व उसके पश्चात स्वास्थ्य देखभाल पर शिक्षा व संचार तथा पंचायत नेताओं को सामुदायिक तैयारी पर प्रशिक्षण देने में भी मदद की.

WHO ने 143 पंचायत प्रतिनिधियों को बाढ़ के लिए सामुदायिक तैयारी को मज़बूत करने के लिए प्रशिक्षण देने में ज़िला प्रशासन की सहायता की. 

भारत में WHO के प्रतिनिधि डॉक्टर रॉड्रिको एच ऑफ़्रिन ने कहा, “WHO इंडिया, ज़िला एवं ब्लॉक प्रशासन टीमों को क्षेत्रों में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन सुनिश्चित करने, प्रकोपों की जल्दी पहचान के लिए, घर-घर सर्वेषण आयोजित करने में प्रशिक्षित कर रहा है.”

उन्होंने कहा कि पंचायत नेताओं को मॉनसून की बारिश व बाढ़ का सामना करने के लिए अपने समुदायों को तैयार करने की ख़ातिर प्रशिक्षण देने में समर्थन दिया जा रहा है.

“बाढ़ का सामना करने के लिए बेहतर तैयारी, प्रतिक्रिया और पुनर्बहाली हेतु समुदायों को सशक्त बनाना जीवन व आजीविका पर प्रभाव घटाने,और बाहरी समर्थन पर निर्भरता को घटाने की एक प्रभावी एवं स्थाई रणनीति है,”

दन्तेवाड़ा के ज़िलाधीश मयंक चतुर्वेदी का कहना था, “बाढ़ एक ऐसी आपातस्थिति है, जिसके लिए एक बहु-क्षेत्रीय कार्रवाई की आवश्यकता होती है. किरन्दुल की बाढ़ अप्रत्याशित थी, फिर भी हमारी टीम ने मानव और पशु जीवन दोनों को बचाते हुए उत्कृष्ट प्रबन्धन किया.”

“स्वास्थ्य देखभाल और रोगों की रोकथाम महत्वपूर्ण हैं, और हमारी टीम सक्रिय रूप से समुदाय में निगरानी कर रही है. भविष्य में बाढ़ के प्रभावों को रोकने और कम करने के लिए अब हम पूरी तरह से तैयार हैं.” 

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