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सीरिया में दीर्घकालिक शान्ति के लिए, हिंसक टकराव का तत्काल अन्त ज़रूरी

सीरिया में बड़े पैमाने पर आम नागरिक विस्थापित हुए हैं और 60 लाख से अधिक सीरियाई देश की सीमाओं के बाहर या तो शरणार्थी हैं या फिर शरण की तलाश कर रहे हैं. वहीं, 70 लाख से अधिक लोग सीरिया की सीमा के भीतर विस्थापन का शिकार हुए हैं.

देश भर में, क़रीब 1.7 करोड़ लोगों, यानि कुल आबादी के 70 फ़ीसदी से अधिक हिस्से को मानवीय सहायता व संरक्षण की दरकार है. महिलाओं व बच्चों के लिए परिस्थितियाँ विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हैं.

सीरिया अब भी फ़रवरी 2023 में आए भूकम्पों के प्रभाव से जूझ रहा है, जिससे पीड़ा और गहरी हुई है. इस प्राकृतिक आपदा में बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि हुई थी.

यूएन मानवतावादी कार्यालय (OCHA) में कार्यवाहक आपात राहत समन्वयक जॉयस म्सूया ने सदस्य देशों को बताया कि सीरिया में मानवीय पीड़ा अभूतपूर्व स्तर पर पहुँच गई है और इसलिए संसाधन बढ़ाए जाने की आवश्यकता है. 

उन्होंने कहा कि स्थानीय समुदायों के जीवन को फिर से पटरी पर लाए जाने, आजीविकाओं को फिर से खड़ा करने, मानवीय सहायता पर निर्भरता घटाने और विस्थापन संकट से निपटने के लिए निवेश में वृद्ध की जानी होगी.

यूएन की वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि मौजूदा हिंसक टकराव पर विराम लगाना ही एक सतत समाधान हासिल करने के लिए अहम है. जॉयस म्यूस ने सचेत किया कि ग़ाज़ा पट्टी में जारी लड़ाई की वजह से उपजी क्षेत्रीय असुरक्षा के कारणों को भी दूर किया जाना होगा.

ग़ाज़ा युद्ध का असर

सीरिया के लिए यूएन के विशेष दूत गेयर पैडरसन के अनुसार, मध्य पूर्व क्षेत्र में तनाव बढ़ा है. इसराइली नियंत्रण वाली गोलन पहाड़ियों, बेरूत, तेहरान में हाल के दिनों में हिंसा हुई है. लेबनान से लगी सीमा पर इसराइल और हिज़बुल्लाह के बीच गोलाबारी हुई है.

गेयर पैडरसन ने बताया कि इस टकराव व तनाव से सीरिया भी अछूता नहीं रहा है. उन्होंने होम्स, हमा और डेरा में इसराइली हवाई हमलों का उल्लेख किया, जिनमें बच्चों समेत आम नागरिक हताहत हुए हैं.

पूर्वोत्तर सीरिया में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों को भी हमलों में निशाना बनाया गया है, जिसके लिए अमेरिका ने ईरान द्वारा समर्थित गुटों को दोषी ठहराया गया है.

विशेष दूत ने कहा कि क्षेत्रीय तनाव व टकराव में कमी लाने के लिए सर्वजन के लिए दीर्घकालिक शान्ति व स्थिरता सुनिश्चित करने के इरादे से दोगुने प्रयास किए जाने होंगे.

इसके तहत, ग़ाज़ा पट्टी में तत्काल युद्धविराम लागू करना, लेबनान की ब्लू लाइन वाले इलाक़े में फिर से शान्ति की ओर लौटना भी है.

संकट का निपटान ज़रूरी

गेयर पैडरसन ने देश में लड़ाई में तेज़ी आने पर कहा कि सीरिया में हिंसक टकराव पर पार पाने के लिए भी इसी तरह से तनाव में कमी लाई जानी होगी.

उन्होंने यूएन के तत्वाधान में सीरिया के विभिन्न धड़ों के बीच राजनैतिक प्रक्रिया पर बल दिया, जिसे सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 के अन्तर्गत आगे बढ़ाया जा रहा है.

इस वार्ता में सीरियाई वार्ता आयोग, सीरियाई सरकार, महिलाएँ, युवजन व नागरिक समाज को शामिल किया गया है.

गेयर पैडरसन ने माना कि हिंसक टकराव का निपटारा, एक जटिल व बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है, मगर यह ऐसा विषय भी नहीं है जिसका समाधान ना ढूंढा जा सके. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सीरिया संकट का समाधान तलाश करने के लिए देश में राजनैतिक एकजुटता और अन्तरराष्ट्रीय सहयोग अहम है.

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