शिक्षा

यूक्रेन: युद्ध और कोविड-19 के कारण बड़े पैमाने पर शिक्षा हानि

यूक्रेन: युद्ध और कोविड-19 के कारण बड़े पैमाने पर शिक्षा हानि

योरोप और मध्य एशिया के लिए यूनीसेफ़ की क्षेत्रीय निदेशक, रजीना डी डोमिनिसिस ने हाल ही में यूक्रेन से लौटने के बाद कहा, “यूक्रेन के अन्दर, स्कूलों पर हमले लगातार जारी हैं, जिससे बच्चे बहुत व्यथित हैं और उनके पास सीखने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं हैं.”

उन्होंने कहा, “इससे न केवल यूक्रेन के बच्चों को अपनी शिक्षा आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, बल्कि जब उनके स्कूल पूरी तरह काम कर रहे थे, तब की पढ़ाई-लिखाई को याद रखने में भी उन्हें परेशानी हो रही है.”

नवीनतम सर्वेक्षण आँकड़ों के अनुसार, 57 प्रतिशत शिक्षकों ने, छात्रों की यूक्रेनी भाषा की क्षमताओं में गिरावट आने की बात कही है, 45 प्रतिशत ने गणित कौशल में कमी की ओर इशारा किया है, जबकि 52 प्रतिशत शिक्षकों ने, बच्चों में विदेशी भाषा की क्षमताओं में कमी के संकेत दिए हैं.

प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा वर्ग के केवल एक तिहाई बच्चे ही पूरी तरह व्यक्तिगत तौर पर पढ़ाई कर पा रहे हैं. पंजीकृत छात्रों में से एक तिहाई, व्यक्तिगत एवं ऑनलाइन के मिले-जुले तरीक़ों से शिक्षा ले रहे हैं, और एक तिहाई छात्र पूरी तरह से दूरस्थ शिक्षा पर निर्भर हैं.

यूनीसेफ़ की क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, ऑनलाइन शिक्षण, व्यक्तिगत शिक्षा के पूरक के रूप में अल्पकालिक समाधान प्रदान कर सकता है. लेकिन यह व्यक्तिगत कक्षाओं का पूर्ण विकल्प नहीं बन सकता, जो ख़ासतौर पर छोटे बच्चों के सामाजिक विकास व बुनियादी शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं.

राष्ट्रीय सर्वेक्षण के आँकड़ों के अनुसार, स्कूल-पूर्व उम्र के दो-तिहाई बच्चे, किसी भी प्रकार की सीखने की सुविधा का हिस्सा नहीं हैं. यूनीसेफ़ ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में, तीन-चौथाई माता-पिता अपने बच्चों को प्री-स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं.

यूक्रेन के बच्चों के भविष्य के लिए मनोवैज्ञानिक समर्थन महत्वपूर्ण है.

बाल शरणार्थी स्कूली दायरे से बाहर

यूक्रेन के शरणार्थी बच्चों के लिए और भी अधिक अनिश्चितता है, शरणार्थियों की मेज़बानी करने वाले सात देशों में, प्री-स्कूल से लेकर माध्यमिक विद्यालय तक के आधे से अधिक बच्चों का राष्ट्रीय शिक्षा प्रणालियों में पंजीकरण नहीं हुआ है.

यूनीसेफ़ ने कहा कि प्री-स्कूल व माध्यमिक आयु वर्ग के छात्रों के शिक्षा से वंचित होने की सबसे अधिक सम्भावना है. इसके लिए काफ़ी हद तक, भाषा सम्बन्धी बाधाएँ, स्कूल तक पहुँचने में कठिनाई और शिक्षा प्रणाली पर बढ़ता दबाव ज़िम्मेदार है. 

एजेंसी ने चेतावनी दी कि कुछ युवा शरणार्थी या तो यूक्रेनी पाठ्यक्रम के ज़रिए या अन्य दूरस्थ शिक्षा मंचो के माध्यम से, ऑनलाइन अध्ययन कर रहे हैं, जबकि कई अन्य अपनी शिक्षा पूरी तरह छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं.

रजीना डी डोमिनिसिस के अनुसार, संकट या युद्ध के दौरान स्कूल, शिक्षा का स्थान होने से कहीं बढ़कर भूमिका निभाते हैं. पहले ही नुक़सान, विस्थापन और हिंसा झेल चुके बच्चों को स्कूलों में एक सामान्य दिनचर्या, सुरक्षा की भावना, दोस्त बनाने की जगह एवं शिक्षकों से मदद पाने का अवसर मिलता हैं.

इसके अलावा, स्कूलों के ज़रिए, मानसिक स्वास्थ्य व कल्याण हेतु, टीकों, पोषण और सेवाओं तक पहुँच प्रदान की जा सकती है.

मेज़बान देशों का समर्थन

यूनीसेफ़ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच बढ़ाने में मदद करने के लिए, यूक्रेन और शरणार्थी बच्चों व परिवारों की मेज़बानी करने वाले देशों में सरकारों और भागीदारों के साथ मिलकर, ज़मीनी स्तर पर काम कर रहा है.

यूनीसेफ़, यूक्रेन सरकार के साथ मिलकर शिक्षा तक पहुँच बहाल करने और उसे क्षेत्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के प्रयास कर रहा है, जिससे शिक्षा के रास्ते की सभी बाधाओं को दूर करके, सर्वजन के लिए आजीवन सीखने के अवसर सुनिश्चित किए जा सकें.

इसमें स्कूलों का पुनर्वास और प्रमुख विषयों का कोर्स पूरा करने के लिए आवश्यक अतिरिक्त कक्षाएँ लेना भी शामिल है, जिससे आगामी स्कूल वर्ष में यूक्रेन में शिक्षा की हानि के जोखिम वाले 3 लाख बच्चों की मदद सम्भव हो सके.

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