फ़िलेमॉन यंग अपने निर्वाचित होने पर कहा है कि कुछ बलशाली शक्तियाँ इनसानियत की समरसता को बिखेरने में लगी हुई हैं र उन्होंने साझा समस्याओं को समाधान निकालने के लिए संवाद व एकजुट कार्रवाई किए जाने का आहवान किया है.
यूएन महासभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने, अपने चुनाव के बाद सभा में मौजूद सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा, “हमारे दौर में, दुर्भाग्य से, बहुत प्रबल असमानताएँ, स्वार्थ, ताक़त के लिए प्रतिस्पर्धा और भिन्न हितों के साथ-साथ, ऐसी केन्द्रीकृत ताक़तें सक्रिय हैं जो मानवता की समरसता और एकजुटता को तितर-बितर करने में लगी हैं.”
उन्होंने कहा, “भूराजनैतिक और भूरणनैतिक तनावों ने, देशों के दरम्यान अविश्वास को ईंधन देना जारी रखा हुआ है.”
फ़िलेमॉन यंग ने नहीं रोकी जा सकने वाली हथियार दौड़ के गहराने, जोकि अन्तरिक्ष में भी चल रही है, सैन्य बजटों में बेतहाशा वृद्धि, और परमाणु हथियारों के प्रयोग की धमकियों व ख़तरों की तरफ़ भी संकेत किया. उन्होंने इन घटनाक्रमों को, आज की दुनिया की, भयभीत कर देने वाली वास्तविकताएँ क़रार दिया.
‘विविधता में एकता की भावना के लिए प्रतिबद्धता
उन्होंने कहा कि यूएन महासभा, “एक ऐसा सर्वाधिक उत्तम मंच है जहाँ सदस्य देशों को, अपनी विविधता के साथ ही अपने हितों के बारे में अपने विचारों और प्रस्तावों को मुक्त रूप में रखने का अवसर मिलता है. इसलिए यह दुनिया की सबसे उच्च प्रतिनिधिक संस्था है जहाँ देश, लड़ाई किए बिना, चर्चा में शिरकत कर सकते हैं.”
फ़िलेमॉन यंग ने तमाम मतभेदों और विविधता के बावजूद, एकता की भावना मज़बूत करने के लिए, एकजुटता के साथ काम करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, जिसमें शान्ति को बढ़ावा दिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि युद्ध नहीं भड़कें, और आपदाओं की भी रोकथाम हो.
उन्होंने टिकाऊ विकास, साझा ख़ुशहाली और प्रकृति के साथ समरसता के लिए काम करने और ऐसा वातावरण मुहैया कराए जाने की पुकार लगाई, जिसमें ये सुनिश्चित करना सम्भव हो कि संसाधनों का प्रयोग और उपभोग, समझदारी और किफ़ायत के साथ किया जाए.
यूएन महासभा द्वारा अपने चुनाव के बाद, फ़िलेमॉन यंग ने, स्थापित परम्परा के अनुसार, सभागार के बाहर पत्रकारों से बातचीत की और अपना यह विश्वास व्यक्त किया कि संवाद, सहमति और एक साझा भविष्य की तरफ़ नज़रें टिकाकर, समस्याओं का निपटारा किया जा सकता है.
यूएन महासभा का 79वाँ वार्षिक सत्र, 10 सितम्बर को शुरू होना निर्धारित है, और इस सत्र का उदघोष होगा – “विविधता में एकता”.
यूएन महासभा के इस सत्र के दौरान, उच्च स्तरीय चर्चा, 24 सितम्बर को शुरू होगी, जिसमें देशों के राष्ट्राध्यक्ष, सरकार अध्यक्ष और प्रतिनिधि शिरकत करेंगे.