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ग़ाज़ा: रफ़ाह से विशाल विस्थापन के बीच, मानवीय सहायता बढ़ाने की पुकार

ग़ाज़ा: रफ़ाह से विशाल विस्थापन के बीच, मानवीय सहायता बढ़ाने की पुकार

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X, पर अपने सन्देश में बताया कि कोई भी परिवार जब विस्थापित होता है, तो उनकी ज़िन्दगियों पर जोखिम बढ़ जाता है.

“लोग सुरक्षा की तलाश में अपना सब कुछ पीछे छोड़कर जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं. लेकिन यहाँ कोई सुरक्षित इलाक़ा नहीं है.”

ग़ाज़ा पट्टी से प्राप्त तस्वीरें दर्शाती हैं कि बड़ी संख्या में परिवार अपने सामान को कार या अस्थाई गाड़ियों में लादकर ला रहे हैं. एक अन्य फ़ोटो में तटीय इलाक़े में विस्थापितों ने बड़े पैमाने पर शीट के ज़रिये अस्थाई आश्रय स्थल स्थापित किए हैं. 

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इसराइली बमबारी व सैन्य कार्रवाई में अब तक कम से कम 35,300 ग़ाज़ावासी मारे गए हैं और 79,260 के घायल हुए हैं. 7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल पर हमास व अन्य गुटों के हमलों में 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे और 250 को बंधक बना लिया गया था.

यूएन एजेंसी का डेटा दर्शाता है कि ग़ाज़ा के मुख्य प्रवेश बिन्दुओं – रफ़ाह और केरेम शेलॉम चौकियों से मानवीय सहायता पूर्ण रूप से ठप हो चुकी है.

वहीं, पूर्वी रफ़ाह में सैन्य गतिविधियों में तेज़ी आई है, मगर 19 मई के बाद से वहाँ राहत आपूर्ति नहीं पहुँच पाई है. केवल 27 ट्रकों ने शनिवार को केरेम शेलॉम चौकी के ज़रिये प्रवेश किया. 

6 मई के बाद से 33 अतिरिक्त राहत ट्रक केरेम शेलॉम से ग़ाज़ा आए हैं, जबकि रफ़ाह चौकी से होकर किसी ट्रक ने प्रवेश नहीं किया है. 

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने बताया है कि ऐरेज़ पश्चिम के ज़रिये सहायता आपूर्ति पहुँचाई जा रही है ताकि अकाल को टालने के लिए लोगों को पर्याप्त भोजन मुहैया कराया जा सके.

फ़लस्तीन के लिए यूएन एजेंसी के देशीय निदेशक मैथ्यू हॉलिन्गवर्थ ने ज़ोर देकर कहा कि ज़रूरतमन्द आबादी तक सहायता पहुँचाने के लिए, अतिरिक्त प्रवेश बिन्दुओं की आवश्यकता है.

उनके अनुसार, हर नया प्रवेश द्वारा एक धमनी के समान है, जिससे ग़ाज़ा में जीवन का संचार किया जा सकता है. और इसलिए, उनकी कोशिश है कि नए प्रवेश मार्गों से और अधिक मात्रा में सहायता को नियमित रूप से पहुँचाया जाए.

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