एक्सिस सिक्योरिटीज के फंड मैनेजर नीरज गौरव ने लोकसभा चुनावों से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने स्टॉक मार्केट्स और इनवेस्टमेंट के बारे में कई अहम बातें बताईं। फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री में करीब दो दशक का अनुभव रखने वाले गौरव का कहना है कि नए निवेशकों को डायवर्सिफिकेशन का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें पिछले एक साल के रिटर्न के आधार पर स्मॉलकैप स्टॉक्स में ज्यादा निवेश नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा वैल्यूएशन के लिहाज से लार्जकैप स्टॉक्स बेहतर दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों के 2024 में 2023 जैसे रिटर्न की उम्मीद नहीं करना चाहिए।
अगले फाइनेंशियल ईयर में किन सेक्टर्स और स्टॉक्स में पैसा बनेगा? इस सवाल के जवाब में गौरव ने कहा कि मीडियम टर्म में पूंजीगत खर्च जारी रहने की उम्मीद है। ऐसे में कैपिटल गुड्स, ऑटो एंसिलियरीज, फार्मा, सीमेंट और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश के मौके दिख रहे हैं।
अगर कोविड के पीरियड को छोड़ दिया जाए तो सरकार लगातार पूंजीगत खर्च बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। सिर्फ कोविड के सालों में पूंजीगत खर्च में सुस्ती आई थी। डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन (DFI) के तहत अगले तीन साल में 5 लाख करोड़ रुपये खर्च का प्लान है। कंपनियों की बैलेंसशीट अच्छी है। आने वाले सालों में जीडीपी में कंपनियों की हिस्सेदारी नई ऊंचाई पर पहुंच जाने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि अगले दो साल में प्राइवेट पूंजीगत खर्च बढ़ेगा। लोकसभा चुनावों के खत्म होने के बाद इंडस्ट्रियल ऑर्डर्स में उछाल आएगा। इसलिए हमने इंडस्ट्रियल स्टॉक्स में निवेश बनाए रखा है। जहां तक डिस्क्रेशनरी स्पेस का सवाल है तो हमें पैसेंजर व्हीकल्स और 2-व्हीलर्स सेगमेंट से जुड़ी ऑटो और ऑटो एंसिलियरी कंपनियां पसंद हैं। हमें होटल और टूरिज्म से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में भी अच्छी संभावना दिख रही है।
स्टॉक मार्केट्स पर आगे किन बातों का असर पड़ सकता है? इसके जवाब में गौरव ने कहा कि 2024 चुनावों का साल है। करीब 40 देशों की जनता सरकार चुनने के लिए वोटिंग करेगी। इनमें इंडिया के अलावा इंडोनेशिया, ईरान, ईयू और अमेरिका जैसे बड़े देश शामिल हैं।
जहां तक इंडिया की बात है तो नवंबर 2023 में कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद मार्केट यह मान कर चल रहा है कि लोकसभा चुनावों के बाद फिर से केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनेगी। ऐसे में सरकार की इकोनॉमिक पॉलिसी में बड़ा बदलाव नहीं होगा। इसके बावजूद जब तक लोकसभा चुनाव खत्म नहीं हो जाते मार्केट्स में सावधानी बरतने की सलाह है।