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आपबीती: मेडागास्कर में मानसिक स्वास्थ्य लाभ के लिए चिकित्सा परामर्श की मुहिम

आपबीती: मेडागास्कर में मानसिक स्वास्थ्य लाभ के लिए चिकित्सा परामर्श की मुहिम

हेनरीले एमासिग्नेवी, अम्बोवोम्बे में डब्ल्यूएचओ के लिए काम करती हैं, जहाँ एंड्रोय क्षेत्रीय अस्पताल स्थित है. उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे लोगों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं के बारे में विस्तार से बात की.

“अम्बोवोम्बे शहर में, मनोविकृति के प्रकरण, स्कित्ज़ोफ्रेनिया और अवसाद जैसी कई मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ सामने आ रही हैं. मानसिक स्वास्थ्य प्रकरणों से पीड़ित युवजन की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. हमारा मानना ​​है कि युवा पुरुषों में इसकी वजह भांग का उपयोग हो सकता है, और 13-18 वर्ष की आयु की युवा महिलाओं में यह स्थिति, सम्बन्ध विच्छेद होने या बच्चे के जन्म के बाद होने वाला अवसाद इसका कारण हो सकता है.

पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही इसके बड़े कारणों में से एक है – मेडागास्कर के दक्षिण में चल रहे मानवीय संकट से उत्पन्न तनावपूर्ण परिस्थितियों में रहने की चिन्ता.

अंबोवोम्बे के एण्ड्रोय क्षेत्रीय रेफ़रल अस्पताल में डब्ल्यूएचओ की हेनरीले एमासिग्नेवी.

हाल ही में दक्षिण के विभिन्न क्षेत्रों में सूखे और चक्रवात की घटनाएँ सामने आई हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन के असर के साथ-साथ, गहराई से जड़ें जमाए विकास की कमी से स्थिति और भी गम्भीर हो गई है. इससे दक्षिण में रहने वाले कमज़ोर तबके के लोगों को जीवित रहने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. चूँकि उनके पास किसी भी तरह के सुरक्षा जाल का अभाव है, ऐसे में फ़सलें नष्ट होने पर उन्हें अक्सर खाद्य अभाव का सामना करना पड़ता है. उनके लिए स्वास्थ्य एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा सेवाओं तक पहुँच भी मुश्किल होती है.

जादू-टोने के शिकार

मैं एलोडी नामक एक महिला से मिली, जो 20 साल की उम्र में बच्चे को जन्म देने और फिर छह महीने बाद अपने बच्चे को खोने के कारण, प्रसवोत्तर मनोविकृति से पीड़ित थीं.

जब मैं उनसे मिली तो मैंने देखा कि उनके टख़ने पर एक ज़ंजीर बँधी हुई थी.

उनकी माँ ने मुझे बताया कि यह उनकी सुरक्षा के लिए था क्योंकि उसकी बेटी भागने की कोशिश करती रहती थी. मानसिक स्वास्थ्य विकारों से पीड़ित लोग, बहुत से कलंकों से ग्रसित होते हैं. कहा जाता है कि उनके अन्दर ‘भूत-प्रेत’ का वास है और इसलिए वो जादू-टोने के शिकार हो जाते हैं.

चिकित्सकीय दृष्टिकोण से मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का इलाज सम्भव है, लेकिन बढ़ती अज्ञानता और ग़रीबी के कारण, लोग मरीज़ों को ज़ंजीर से बाँधने जैसे कठोर क़दम उठाने के लिए मजबूर हो जाते हैं, जिससे उनकी मानसिक बीमारियाँ बढ़ जाती हैं.

देखभाल तक पहुँच

रोगियों के लिए इलाज तक पहुँच बेहद चुनौतीपूर्ण है. मानसिक स्वास्थ्य उपचार के लिए निकटतम विशेषज्ञ अस्पताल, 600 किलोमीटर दूर है. इसलिए सेवाओं की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए, डब्ल्यूएचओ समय-समय पर बाहरी रोगी देखभाल के लिए चिकित्सा टीमों को बुलाता है.

एलोडी (दाएँ) की माँ (मध्य में) का कहना है कि उनकी बेटी को दवाओं से फ़ायदा हो रहा है.

तीन दिन की अवधि के दौरान, कुल 93 निःशुल्क परामर्श किए गए; इन रोगियों में से 67 प्रतिशत महिलाएँ थीं, जिनमें एलोडी भी शामिल थीं, जिसे एक न्यूरोलॉजिस्ट ने देखा. इस परामर्श के बाद उन्हें जो दवा दी गई, उससे उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. एलोडी अब अपना बेहतर ख़याल रख पा रही हैं; उदाहरण के लिए, वो अपनी व्यक्तिगत साफ़-सफ़ाई को लेकर सचेत हो गई हैं.

डब्ल्यूएचओ, एलोडी जैसे रोगियों के लिए अधिक सेवाएँ उपलब्ध करवाना चाहता है. हालाँकि यह स्पष्ट है कि मनोचिकित्सक कुछ हद तक ही उनकी मदद कर सकते हैं, लेकिन मुझे ख़ुशी है कि हम कुछ रोगियों को ठीक होने की राह लाने में सक्षम हुए हैं.

एलोडी को अपनी माँ और बहन का समर्थन प्राप्त है, लेकिन बहुत दुख की बात है कि परिवार के बाक़ी सदस्यों ने उन्हें अस्वीकार कर दिया है और इसलिए उन्हें और उनकी माँ को पारिवारिक घर छोड़ना पड़ा है.

उनकी माँ को उम्मीद है कि एलोडी जल्द ही पूरी तरह ठीक होकर, दोबारा सामान्य जीवन जी सकेंगी और धन कमाने में सक्षम होने पर, तीन महिलाओं वाले घर के ख़र्चों में योगदान दे सकेंगी.”

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