Kidney Problem: किडनी हमारे शहर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। यह हमारे शरीर के विषाक्त पदार्थों को छान कर उसे पेशाब के रास्ते से बाहर निकालता है। लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे शरीर में दो किडनियां होती है। इसका काम शरीर से विषाक्त पदार्थों को छानकर बाहर निकालना है। दुनियाभर में लाखों लोग हैं जो किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं। दरअसल, कई बार हमें किडनी की समस्याओं (Kidney Problem) के लक्षण तो दिखते हैं लेकिन जानकारी नहीं होने के चलते हम इसकी पहचान नहीं कर पाते हैं। वहीं कई लोग तो इन लक्षणों को किसी अन्य समस्या की वजह समझकर गलत इलाज भी करने लगते हैं।
ऐसे में सही समय पर इलाज ना होने की वजह से आगे चलकर किडनी फेल होने की भी आशंका बन जाती है। किडनी की बीमारी को अक्सर साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है। इसके लक्षण इतने हल्के होते हैं कि ज्यादातर लोगों को बीमारी के बढऩे तक कोई अतंर महसूस नहीं होता है। आपको समय रहते किड़नी खराब होने के लक्षण मिल सकते हैं। जिस पर जल्द ही ध्यान देना चाहिए।
किडनी खराब होने के लक्षण
पेशाब ज्यादा आना
अगर किडनी में परेशानी शुरू होती है तो सबसे पहले उसका असर पेशाब पर पड़ता है। आमतौर पर दिन में 8-10 बार पेशाब आना स्वाभाविक है। लेकिन इससे ज्यादा पेशाब का आना किडनी खराब होने का संकेत हो सकते हैं। कई बार पेशाब में जलन और खून आने की भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार ये लक्षण यूरिन इंफेक्शन की वजह से भी हो सकते हैं।
भूख में कमी आना
शरीर में विषाक्त पदार्थों और वेस्ट का एकत्र हना भी भूख को कम कर सकता है। जिससे वजन घटने लगता है। कम भूख का एक अन्य कारण सुबह जल्दी मतली और उल्टी भी हो सकती है। इस कारण व्यक्ति को हर समय पेट भरा हुआ महसूस होता है। कुछ खाने का मन नहीं करता। यह किडनी खराब होने का खतरनाक संकेत है। जिस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है।
कमजोरी और थकान
हर समय कमजोरी और थकान महसूस होना किडनी की समस्या के शुरूआती संकेत हैं। जैसे -जैसे किडनी की बीमारी गंभीर होती जाती है। व्यक्ति पहले से ज्यादा कमजोर और थका हुआ महसूस करता है। यहां तक की थोड़ा चलना-फिरने में भी दिक्कत महसूस होती है। ऐसा किडनी में विषाक्त पदार्थों के जमा होने के कारण होता है।
पैरों में सूजन होना
किडनी शरीर से अतिरिक्त सोडियम को फिल्टर करने में मदद करती है। किडनी में खराबी होने पर शरीर में सोडियम जमा होने लगता है। जिससे पैरों में सूजन आ सकती है। इन टॉक्सिन का असर आंखों और चेहरे पर भी दिखता है, लेकिन ज्यादा असर पैरों पर होता है।
स्किन का ड्राई होना और खुजली
स्किन में सूखापन और खुजली भी किडनी डिसऑर्डर का मुख्य संकेत है। ऐसा तब होता है जब किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर नहीं निकाल पाती है। तब ये विषाक्त पदार्थ ब्लड में जमा होने लगते हैं। जिससे त्वचा में खुजली, सूखेपन के साथ दुर्गंध आने लगती है।
नींद की कमी और बैचेनी होना
जिन लोगों को किडनी की समस्या होती है। उनके नींद का पैटर्न भी बिगड़ने लगता है। नींद की कमी होने की वजह से कई बार बैचेनी और घबराहट भी होने लगती है।