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अफ़ग़ानिस्तान: आर्थिक पुनर्बहाली के लिए महिला अधिकारों को मज़बूती देनी ज़रूरी

अफ़ग़ानिस्तान: आर्थिक पुनर्बहाली के लिए महिला अधिकारों को मज़बूती देनी ज़रूरी

यूएन विकास कार्यक्रम ने गुरूवार को प्रकाशित अपनी एक नई रिपोर्ट में यह बात कही है, जिसके अनुसार अगस्त 2021 में सत्ता पर तालेबान की वापसी के बाद से ही देश में निराशाजनक सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियाँ पनपी हैं. 

महिला अधिकारों का क्षरण हुआ है और बैंकिंग व्यवस्था ध्वस्त होने के कगार पर पहुँच गई है, जोकि बेहद चिन्ताजनक है.

वर्ष 2020 के बाद से अब तक अफ़ग़ान अर्थव्यवस्था में 27 प्रतिशत गिरावट आई, जिसके बाद यह फिर उससे नहीं उबर सकी और बेहद कम स्तर पर आर्थिक गतिविधियाँ स्थिरता की ओर बढ़ रही है.

पाबन्दियाँ व व्यवधान

इसकी एक बड़ी वजह देश के बैंकिंग सैक्टर पर लगाई गई पाबन्दियाँ, व्यापार व वाणिज्य में आया व्यवधान, सार्वजनिक संस्थाओं का कमज़ोर व अलग-थलग होना और कृषि व विनिर्माण सैक्टर के लिए विदेशी निवेश और दानदाताओं के समर्थन का अभाव है.

सार्वजनिक संस्थान, विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में, अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और क्षमताएँ खो रहे हैं, जिनमें महिला कर्मचारी भी हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ रही है.

अफ़ग़ानिस्तान में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के प्रयासों को कुछ हद तक सफलता मिली है और अफ़ीम के उत्पादन व ग़ैरक़ानूनी व्यापार को भी नियंत्रित किया गया है, मगर यह देश की मौजूदा दिशा को बदलने के लिए पर्याप्त नहीं है.

महिलाओं पर गम्भीर असर

मानवीय और आर्थिक संकटों की वजह से और महिला अधिकारों पर पाबन्दियों से देश में महिलाओं की आबादी पर गम्भीर प्रभाव हुआ है.

सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं को आने-जाने की सीमित सुलभता है, अब उन्हें कम मात्रा में भोजन मिलता है और पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक आय विषमता से जूझना पड़ रहा है. 

सभी सैक्टरों में कामकाजी महिलाओं के अनुपात में बड़ी गिरावट आई है और उनकी हिस्सेदारी 2022 में 11 प्रतिशत के आँकड़े से घटकर इस साल छह फ़ीसदी पर लुढ़क गई.

रिपोर्ट में गुज़र-बसर असुरक्षा इंडेक्स (Subsistence-Insecurity Index) को पेश किया गया है, जिसमें 17 ग़ैर-मौद्रिक संकेतकों के ज़रिये यह आंका जा सकेगा कि अफ़ग़ान नागरिक किस हद तक वंचित हैं.

बताया गया है कि 70 प्रतिशत आबादी अपने भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, रोज़गार और अन्य दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं है.

विदेशी सहायता में गिरावट

अफ़ग़ानिस्तान के लिए अन्तरराष्ट्रीय सहायता बहुत महत्वपूर्ण है, और इससे लाखों ज़िन्दगियों की भुखमरी से रक्षा कर पाने, आजीविका के साधनों को बचा पाने और आर्थिक तबाही को टालने में मदद मिली है.

मगर, रिपोर्ट के अनुसार अन्तरराष्ट्रीय सहायता में एक ऐसे समय में गिरावट दर्ज की जा रही है जब देश की अधिकाँश आबादी बेहद सम्वेदनशील परिस्थितियों का सामना कर रही है.

महिलाओं व पुरुषों के लिए रोज़गार की स्थिति.

महिलाओं व पुरुषों के लिए रोज़गार की स्थिति.

महिलाओं को प्राथमिकता

यूएन विकास कार्यक्रम का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान को मौजूदा संकटों से उबारने के लिए यह ज़रूरी है कि आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की भागेदारी को केन्द्र में रखा जाए.

यूएन एजेंसी ने स्थानीय आर्थिक विकास, आर्थिक झटकों के विरुद्ध सहनसक्षमता और निजी सैक्टर के नेतृत्व में प्रगति के ज़रिये टिकाऊ जीवनशैली अपनाने पर बल दिया ताकि आजीविका स्रोतों की रक्षा की जा सके.

साथ ही, अफ़ग़ानिस्तान के सभी निर्बल नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं व लड़कियों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने की अपील की गई है. 

रिपोर्ट के अनुसार बैंकिंग व्यवस्था में चुनौतियों पर पार पाने के लिए यह ज़रूरी है कि महिलाओं के नेतृत्व वाले सूक्ष्म एवं लघु उपक्रमों को समर्थन प्रदान किया जाए, जिन्हें 2021 के बाद से 60 प्रतिशत संकुचन का सामना करना पड़ सकता है.

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