संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य, संयुक्त अरब अमीरात के अनुरोध पर सुरक्षा परिषद की यह बैठक बुलाई गई है, जिसमें मध्य पूर्व, एशिया व प्रशान्त क्षेत्र के लिए सहायक महासचिव ख़ालेद ख़ियारी ने सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को ग़ाज़ा व क़ाबिज़ पश्चिमी तट में परिस्थितियों से अवगत कराया.
इससे पहले, पिछले सप्ताह सुरक्षा परिषद में एक अहम प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें ग़ाज़ा पट्टी में ज़रूरतमन्द आबादी तक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए राहत आपूर्ति का स्तर बढ़ाने की बात कही गई.
इस प्रस्ताव के पक्ष में 13 सदस्य देशों ने मतदान किया, जबकि रूस और अमेरिका ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था.
यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ख़ालेद ख़ियारी ने कहा कि ग़ाज़ा के अधिकाँश इलाक़ों में इसराइली सैन्य बलों का ज़मीनी अभियान और हमास लड़ाकों के साथ लड़ाई जारी है. वहीं, हमास और अन्य फ़लस्तीनी गुटों द्वारा ग़ाज़ा से इसराइल पर रॉकेट हमले किए गए हैं.
“दोनों पक्षों की ओर आम नागरिकों द्वारा, विशेष रूप से फ़िलहाल ग़ाज़ा पट्टी में, इस हिंसक टकराव का ख़ामियाज़ा भुगता जा रहा है.”
ख़ालेद ख़ियारी ने ग़ाज़ा में तत्काल मानवतावादी आधार पर युद्धविराम लागू किए जाने की यूएन महासचिव की अपील को दोहराया.
क्षेत्रीय अस्थिरता का ख़तरा
उन्होंने आगाह किया कि बड़ी संख्या में पक्षों के शामिल होने के कारण मौजूदा संकट के वृहद क्षेत्र में फैल जाने का ख़तरा प्रबल है, जिसके पूरे क्षेत्र के लिए विनाशकारी नतीजे होंगे.
सहायक महासचिव के अनुसार, लेबनान और इसराइल के बीच स्थित ब्लू लाइन पर हर दिन गोलीबारी हो रही है, और यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक गम्भीर जोखिम है.
“नागरिक इलाक़ों पर हमलों की घटनाएँ बढ़ रही हैं, जिनमें ब्लू लाइन के दोनों ओर आम लोग हताहत हो रहे हैं, और इसके अलावा मारे जाने वाले लड़ाकों की संख्या भी बढ़ रही है.”
इसके अलवा, इराक़ और सीरिया में अमेरिकी सैन्य शिविरों पर हमले भी हुए हैं, जिसके बाद अमेरिका ने इराक़ और सीरिया में उन गुटों पर हवाई कार्रवाई की है, जिन पर इन हमलों के लिए ज़िम्मेदार होने का सन्देह है.
सीरिया के भीतर इसराइल द्वारा भी हवाई हमले किए जाने की ख़बरें हैं और लाल सागर क्षेत्र में तनाव व्याप्त है.
घटनाक्रम पर गहरी चिन्ता
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने शुक्रवार को महासचिव की ओर से एक वक्तव्य जारी किया है, जिसमें यूएन प्रमुख ने मौजूदा टकराव के पूरे क्षेत्र में फैलने की आशंका पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है.
उन्होंने सचेत किया है कि ग़ाज़ा में हिंसक टकराव जितने लम्बे समय तक खिंचता है, उसके क्षेत्र में फैलने का जोखिम उतना ही बढ़ेगा, और अनेक सम्बद्ध पक्षों की वजह से कोई भी ग़लती इसकी वजह बन सकती है.
महासचिव गुटेरेश ने अपने वक्तव्य में क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में बढ़ती हिंसा पर भी चिन्ता जताई है, जहाँ इसराइली सुरक्षा बलों के अभियान में तेज़ी आई है, बड़ी संख्या में फ़लस्तीनियों की जान गई है, इसराइली बस्तियों के बाशिन्दों ने भी हिंसा को अंजाम दिया है और फ़लस्तीनियों द्वारा इसराइलियों पर हमले किए गए हैं.
ग़ौरतलब है कि इराक़ और सीरिया में हथियारबन्द गुटों द्वारा हमले किए जा रहे हैं, और यमन में हूती लड़ाकों द्वारा लाल सागर में जहाज़ों को निशाना बनाए जाने की घटनाएँ बढ़ी हैं.
इसके मद्देनज़र, यूएन प्रमुख ने सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है और तनाव में कमी लाने के लिए तत्काल क़दम उठाए जाने का आग्रह किया है..
साथ ही, उन्होंने ग़ाज़ा में मानवीय आधार पर तुरन्त युद्धविराम लागू किए जाने और सभी बंधकों की बिना किसी शर्त के रिहाई किए जाने का अनुरोध किया है.