आइजोल: भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ सालों में अपना अच्छा खासा विस्तार किया है। कई इलाकों में जहां नई रेल पटरियां बिछाई जा रही हैं, तो कई इलाकों की रेलवे लाइनों को अपग्रेड किया जा रहा है। इसी कड़ी में मिजोरम में भैरवी-सैरांग रेलवे लाइन पर काम जोरशोर से जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा और आम जनता को राहत मिलेगी। 51 किलोमीटर यह रेल लाइन मिजोरम के विकास में एक अहम भूमिका अदा कर सकती है। बता दें कि केंद्र सरकार पिछले कुछ सालों से पूर्वोत्तर के विकास पर खास ध्यान दे रही है।
5 हजार करोड़ रुपये से ऊपर है लागत
भैरवी से सैरांग के बीच बन रही इस 51 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन की लागत कुल 5021.41 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस रेल लाइन पर पुलों और सुरंगों की भरमार है, ऐसे में यह जब बनकर तैयार होगा तो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी हो सकता है। 51 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर कुल 4 स्टेशन स्थित होंगे। रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इस रेलवे लाइन का 91 फीसदी काम पूरा हो चुका है ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही लोग इस रेल लाइन पर ट्रेनों के जरिए आ जा सकेंगे।
23 मजदूरों की हो गई थी दर्दनाक मौत
बता दें कि अगस्त में इस रेलवे लाइन पर एक पुल के हिस्से के ढह जाने की घटना में 23 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी। घटना होने के समय 26 मजदूर वहां मौजूद थे। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह हादसा गैंट्री के ढहने के कारण हुआ था। पुल पर काम करने वाले सभी 26 मजदूर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले थे। यह पुल भैरवी-सैरांग रेलवे लाइन पर स्थित करीब 130 पुलों में से एक है। घटना के बाद रेल मंत्रालय ने पुल ढहने का कारण पता लगाने के लिए 4 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था।