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7 अक्टूबर के हमलों का एक वर्ष, मध्य पूर्व में शान्ति स्थापना की पुकारें

7 अक्टूबर के हमलों का एक वर्ष, मध्य पूर्व में शान्ति स्थापना की पुकारें

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक टोर वैनेसलैंड ने कहा है, “उस दिन ने लोगों, परिवारों और इसराइल देश व पूरी दूनिया की सामूहिक स्मृति पर गहरे घाव छोड़े थे.”

“आज, हम महिलाओं व बच्चों सहित उन 1200 से अधिक लोगों के लिए शोक संतप्त हैं, जिन्हें अत्यन्त क्रूरता के साथ मार दिया गया था. एक साल बाद भी उस क्रूरता का पूरी तरह अनुमान लगाना असम्भव है.”

टोर वैनेसलैंड ने हमास व अन्य चरमपंथी गुटों की हिरासत में रखे गए तमान बन्धकों को तत्काल व बिना शर्त रिहा किए जाने की अपील भी दोहराई.

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक टोर वैनेसलैंड.

उन्होंने कहा कि युद्ध ने इसराइलियों, फ़लस्तीनियों और अब लेबनान के लोगों की ज़िन्दगियों को तितर-बितर करके रख दिया है और उन सभी के लिए असीम स्तर की पीड़ाएँ पहुँचाई हैं.

उन्होंने तमाम आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने की भी पुकार लगाई.

टोर वैनेसलैंड ने कहा, “हिंसा, दीगर हिंसा को जन्म देती है, और शोक व दुख की इस घड़ी में, हमें शान्ति के लिए अपने संकल्प के लिए प्रतिबद्ध रहना होगा.”

संवाद व कूटनीति से हल

यूएन महासभा अध्यक्ष फ़िलेमॉन यैंग ने अपने सन्देश में कहा है कि जब हमास के उन हमलों का एक वर्ष पूरा हुआ है, इस बीच मध्य पूर्व क्षेत्र ने लम्बे समय से मृत्यु, विनाश और विस्थापन को देखा है.

उन्होंने एक वक्तव्य में कहा है, “मैं एक बार फिर दोहराना चाहता हूँ कि मानवीय पीड़ा का अन्त हो, और बिल्कुल अभी अन्त हो. हमें तत्काल एक युद्धविराम की आवश्यकता है, बन्धकों को तत्काल और बिना शर्त रिहा किया जाए और क्षेत्र में टकरावों के कूटनैतिक समाधान तलाश करने की नीयत से, संवाद की तरफ़ फिर लौटा जाए.”

ख़ान यूनिस में बमबारी से ध्वस्त हुए घर के मलबे पर एक माँ अपने नवजात शिशु के साथ. (फ़ाइल)

© UNFPA Palestine/Media Clinic

उन्होंने कहा है कि सैन्य तरीक़ों से कोई भी टिकाऊ शान्ति हासिल नहीं की जा सकती है. “केवल यूएन चार्टर, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और सम्बद्ध यूएन प्रस्तावों पर आधारित दो राष्ट्रों की स्थापना वाला समाधान ही, इसराइल और फ़लस्तीनी के लोगों, के साथ-साथ दरअसल पूरे क्षेत्र के लिए, दीर्घकालिक शान्ति व सुरक्षा की गारंटी दे सकता है.”

महासभा अध्यक्ष ने, सभी पक्षों – इसराइल, हमास और हिज़बुल्लाह से अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत अपनी ज़िम्मेदारियों का पालन करने आहवान किया जिनमें अन्तरराष्ट्रीय क़ानून भी शामिल है. “मैं आम लोगों का संरक्षण सुनिश्चित किए जाने और मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति की भी पुकार लगाता हूँ, जिसकी अत्यन्त आवश्यकता है.”

यौन हिंसा के पीड़ितों की स्मृति

इस बीच टकरावों की स्थिति में यौन हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन ने, 7 अक्टूबर के हमलों के पीड़ितों, उनके परिवारों, और प्रभावित समुदायों के प्रति अपनी हार्दिक एकजुटता व्यक्त की है.

प्रमिला पैटन ने इसराइल की अपनी उस यात्रा का भी ज़िक्र किया जिसमें निष्कर्ष दिया गया था कि 7 अक्टूबर के हमलों के दौरान बलात्कार और सामूहिक बलात्कार सहित युद्ध सम्बन्धी यौन हिंसा को अंजाम दिया गया था. उससे इतर बन्धकों के साथ ही हिरासत में यौन हिंसा को अंजाम दिया गया.

विशेष प्रतिनिधि ने तमाम बन्धकों को, तत्काल, सुरक्षित और बिना शर्त रिहा किए जाने की अपनी पुकार दोहराई है.

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