विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors or FPI) ने साल 2023 में भारतीय शेयर बाजारों में जोरदार वापसी की है। इस साल उनकी ओर से अब तक भारतीय शेयरों में 1.71 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है। माना जा रहा है कि चुनौतीपूर्ण वैश्विक हालात के बीच देश के मजबूत इकोनॉमिक फंडामेंटल्स के चलते FPI का भारतीय बाजारों के प्रति आकर्षण बढ़ा है। इसलिए वर्ष 2023 में FPI ने भारतीय बाजारों में जबर्दस्त निवेश किया है। दिसंबर माह में उनकी ओर से 66,134 करोड़ रुपये इंडियन इक्विटी में लगाए गए।
एनालिस्ट्स को उम्मीद है कि आगे भी एफपीआई की ओर से इनफ्लो मजबूत रहेगा। हालांकि, ऐसा हो सकता है कि वे चुनिंदा शेयरों में ही निवेश करें। बता दें कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व 2024 में प्रमुख ब्याज दरों में 3 कटौती करने के संकेत दे चुका है। ऐसे में FPI के भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेश बढ़ाने की उम्मीद है, विशेषरूप से आम चुनाव से पहले साल के शुरुआती महीनों में।
पूंजी बाजार में कुल निवेश 2.4 लाख करोड़
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में FPI ने शेयरों में शुद्ध रूप से 1.71 लाख करोड़ रुपये और डेट या बॉन्ड बाजार में 68,663 करोड़ रुपये डाले हैं। इस प्रकार पूंजी बाजार में उनका कुल निवेश 2.4 लाख करोड़ रुपये रहा है। FPI ने वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी के बीच 2022 में शेयर बाजारों से 1.21 लाख करोड़ रुपये निकाले थे। 2022 से पहले 3 साल के दौरान FPI ने शेयरों में अच्छा-खासा निवेश किया था। FPI ने 2021 में शेयरों में शुद्ध रूप से 25,752 करोड़ रुपये, 2020 में 1.7 लाख करोड़ रुपये और 2019 में 1.01 लाख करोड़ रुपये डाले थे।
आउटफ्लो से की थी साल की शुरुआत
दिसंबर माह में FPI की ओर से हुए भारी निवेश के पीछे भारत में राजनीतिक स्थिरता की संभावना, आर्थिक वृद्धि में मजबूती दर्शाने वाले आंकड़े और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में लगातार गिरावट की अहम भूमिका रही है। साल 2023 की शुरुआत FPIs ने आउटफ्लो के साथ की थी। साल के पहले दो माह जनवरी, फरवरी में उन्होंने भारतीय शेयरों से 34,000 करोड़ रुपये निकाले। उसके बाद मार्च से लेकर अगस्त माह तक FPIs नेट बायर बने रहे और इस बीच 1.74 लाख करोड़ रुपये लगाए। उसक बाद FPIs की दिलचस्पी एक बार फिर भारतीय इक्विटी में घटी और उन्होंने सितंबर में 14,767 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 24,548 करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजारों से निकाले। लेकिन नवंबर में FPIs ने फिर से 9000 करोड़ रुपये का निवेश किया।
डेट मार्केट में जून में डाले 18,302 करोड़
डेट या बॉन्ड बाजार में भी FPI की दिलचस्पी फिर बढ़ी है। इस साल बॉन्ड बाजार में FPI का निवेश शुद्ध रूप से 68,663 करोड़ रुपये रहा है। अकेले दिसंबर में FPI ने बॉन्ड बाजार में 18,302 करोड़ रुपये डाले हैं। इससे पहले 2022 में FPI ने बॉन्ड बाजार से 15,910 करोड़ रुपये निकाले थे। 2021 में उन्होंने 10,359 करोड़ रुपये और 2020 में 1.05 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी। जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी ने सितंबर 2023 में घोषणा की थी कि वह भारत सरकार के बॉन्ड को जून 2024 से अपने एमर्जिंग मार्केट डेट इंडेक्स में शामिल करेगी। इसके बाद से देश के बॉन्ड बाजार में इस साल निवेश बढ़ा है।