1 जनवरी से सभी प्रोडक्ट पर मैन्युफैक्चरिंग डेट और यूनिट सेल प्राइस पैकेजिंग पर लिखना अनिवार्य होगा। सरकार ने पैकेजिंग को लेकर नियम बदल दिये हैं। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा है कि सोमवार से सभी पैकेज्ड वस्तुओं पर ‘मैन्युफैक्चरिंग की तारीख’ और ‘यूनिट सेल प्राइस’ अनिवार्य हो गया है। इससे पहले कंपनियों को पैक किए गए वस्तुओं पर ‘मैन्युफैक्चरिंग की तारीख’ या ‘आयात की तारीख’ या पैकेजिंग की तारीख प्रिंट करने का विकल्प दिया गया था।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के जारी नए नोटिफिकेशन के अनुसार अब कंपनियों को ‘यूनिट सेल प्राइस’ के साथ केवल ‘मैन्युफैक्चरिंग की तारीख’ प्रिंट करना अनिवार्य कर दिया गया है।
उपभोक्ता मामलों के सचिव ने बताया कि चूंकि पैकेज्ड वस्तुएं अलग-अलग मात्रा में बेची जाती हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता पैक की गई वस्तुओं की ‘यूनिट सेल प्राइस’ के बारे में जागरूक हों और सोच-समझकर खरीदारी का निर्णय लें। मैन्युफैक्चरिंग की तारीख छापने से उपभोक्ताओं को यह जानने में मदद मिलेगी कि पैक की गई वस्तु कितनी पुरानी है और उन्हें सचेत खरीदारी निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
इसी तरह यूनिट सेल प्राइस की छपाई से उपभोक्ताओं के लिए इकाई के संदर्भ में लागत का पता लगाना आसान हो जाएगा। उदाहरण के लिए 2.5 किलोग्राम के पैकेज्ड गेहूं के आटे में अधिकतम रिटेल प्राइस (MRP) के साथ प्रति किलोग्राम यूनिट सेल प्राइस होगा। इसी प्रकार एक किलोग्राम से कम मात्रा की पैकेज्ड प्रोडक्ट का प्राइस उत्पाद की कुल एमआरपी के साथ प्रति ग्राम होगा।