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हेती: विस्थापित महिलाएँ ‘अभूतपूर्व’ असुरक्षा व यौन हिंसा की चपेट में

हेती: विस्थापित महिलाएँ ‘अभूतपूर्व’ असुरक्षा व यौन हिंसा की चपेट में

लैंगिक समता के लिए सक्रिय यूएन एजेंसी UN Women ने हाल में जारी एक रिपोर्ट में बताया है कि देश में गैंग हिंसा और समुद्री तूफ़ानों के मौजूदा जोखिम के कारण जारी राजनैतिक अस्थिरता के बीच विस्थापित लगभग 3 लाख महिलाएँ और लड़कियाँ, रहन-सहन के बहुत जोखिम और सुरक्षा की कमी के हालात का सामना कर रही हैं.

निरन्तर ख़तरे में

हेती की लगभग 5 लाख 80 हज़ार की आबादी में, महिलाओं व लड़कियों की संख्या क़रीब 50 प्रतिशत है.

UN Women Rapid Gender Assessment के आकलन में दर्शाया गया है कि अस्थाई शिविरों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, किस तरह महिलाओं व लड़कियों को यौन व लिंग आधारित हिंसा के जोखिम में डाल रही है.

यह सर्वे राजधानी पोर्ट ओ प्रिंस में, सर्वाधिक आबादी वाले और विस्थापन वाले स्थानों में, अप्रैल (2024) में कराया गया था.

इस सर्वे में पाया गया कि अधिकतर शिविरों में प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है और नीन्द के लिए सोने के स्थानों और शौचालयों में ताला लगाने या उन्हें अन्दर से बन्द करने का कोई प्रावधान नहीं है. इसके अलावा इन शिविरों में रहने वाले लोग हर रोज़ सशस्त्र गुटों की हिंसा के जोखिम में जीवन जीते हैं.

कभी भी, किसी भी दिशा से बन्दू की गोलियाँ आ सकती हैं या फिर सुरक्षा सम्बन्धी कोई अन्य ख़तरा अचानक दस्तक दे सकता है, जिससे इन स्थानों पर बेहतर सुरक्षा प्रबन्धों की दरकार है.

यूएन महिला एजेंसी ने कहा है कि अधिकतर शिविरो में, महिलाओं व लड़कियों के विरुद्ध आक्रामकता, ख़ासकर बलात्कार को, मानवीय सहायता तक उनकी पहुँच पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.

नई सरकार से अपील

यूएन वीमैन संगठन की कार्यकारी निदेशक सीमा बहाउस ने कहा है, “हमारी रिपोर्ट बताती है कि हेती में, महिलाएँ गैंगों के हाथों जिस स्तर की असुरक्षा और क्रूरता का सामना कर रही हैं, वो अभूतपूर्व है, जिसमें यौन हिंसा भी शामिल है. इसे बिल्कुल अभी रोका जाना होगा.”

सीमा बहाउस ने हेती की नव निर्वाचित सरकार से रोकथाम उपाय करने और हिंसा की शिकार बनाई जाने वाली महिलाओं व लड़कियों की मदद करने, और शिविरों में के प्रबन्धन में महिलाओं की शिरकत बढ़ाने के लिए क़दम उठाने की अपील की है, ताकि उनकी सुरक्षा चिन्ताओं को सुना जाए और उन पर कार्रवाई हो.

उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता भी सुरक्षित तरीक़े से इस तरह वितरित की जाए जिसमें महिलाओं व लड़कियों की विशेष ज़रूरतों का ध्यान रखा जाए.

यौन कार्य के लिए विवशता

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस सर्व में जिन महिलाओं से बातचीत की गई, उनमें से 90 प्रतिशत ने, उनके शिविरों में आय का कोई स्रोत नहीं होने की बात कही.

दस प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कहा कि उन्हें अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए, कम से कम एक बार यौन कार्य का सहारा लेना पड़ा है या इनमें कुछ महिलाएँ यौन कार्य या वेश्यावृत्ति का सहारा लेने के बारे में विचार कर रही थीं.

महिला संगठनों व उद्यमिता को समर्थन की दरकार

यूएन वीमैन संगठन ने हेती में संकट का सामना करने के प्रयासों में, मेज़बान समुदायों और शिविरों में रहने वाले विस्थापित लोगों तक पहुँच बनाने के लिए, महिलाओं संगठनों की मदद कर रहा है.

यूएन महिला एजेंसी ने यौन हिंसा और लिंग आधारित हिंसा की रोकथाम बेहतर बनाने व प्रभावितों को राहत सेवाएँ मुहैया कराने के लिए प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी भी तैनात किए हैं.

इसके अतिरिक्त, यूएन महिला संगठन, उन महिला उद्यमियों को भी समर्थन दे रहा है जो रास्तों के बन्द हो जाने और जारी हिंसा से प्रभावित हैं. इस परियोजना के लिए नॉर्वे से धन सहायता मिल रही है.

ग़ौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हेती में सशस्त्र गैंगों द्वारा जारी हिंसा का सामना करने में, राष्ट्रीय पुलिस की मदद करने के लिए, अक्टूबर 2023 में, एक मिशन की तैनाती को स्वीकृत किया था.

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