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सूडान युद्ध के 11 महीने, विश्व के गम्भीरतम भूख संकट का मंडराता साया

सूडान युद्ध के 11 महीने, विश्व के गम्भीरतम भूख संकट का मंडराता साया

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के अनुसार, पूर्वोत्तर अफ़्रीका में स्थित सूडान, विश्व में सबसे बड़ा विस्थापन संकट है.

सूडान की सशस्त्र सेना और अर्द्धसैनिक बल (Rapid Support Forces) के बीच लड़ाई में अब तक हज़ारों लोगों की मौत हो चुकी है और 80 लाख विस्थापित हो चुके हैं.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने सचेत किया है कि देश में 1.4 करोड़ बच्चों को जल्द से जल्द जीवनरक्षक सहायता की आवश्यकता है.

इस बीच, सूडान में संकट की आंच सीमा-पार अन्य देशों तक पहुँचने की आशंका बढ़ रही है, जिससे क्षेत्र में आम लोगों की ज़िन्दगियों और शान्ति के लिए ख़तरा है.

यूएन खाद्य कार्यक्रम की कार्यकारी निदेशक सिंडी मैक्केन ने ध्यान दिलाया कि 20 वर्ष पहले दारफ़ूर, विश्व में सबसे बड़ा भूख संकट था और दुनिया ने लामबन्द होकर सहायता प्रयास किए.

“मगर, आज सूडान के लोगों को भुला दिया गया है. लाखों ज़िन्दगियाँ और पूरे क्षेत्र की शान्ति व स्थिरता दाँव पर लगी हुई है.”

यूएन एजेंसी प्रमुख ने दक्षिण सूडान से यह जानकारी दी है, जहाँ उन्होंने हिंसा और अकाल की स्थिति से जान बचाकर भागने वाले परिवारों से मुलाक़ात की है.

यूएन खाद्य कार्यक्रम का कहना है कि सूडान में फ़िलहाल हर 20 में से केवल एक व्यक्ति को ही पूर्ण आहार मिल पा रहा है.

भोजन, पहुँच से दूर

युद्ध की बर्बादी झेल रहे देश में, 1.8 करोड़ लोग अचानक खाद्य असुरक्षा का शिकार हुए हैं और 50 लाख लोग भुखमरी के साए में हैं.

हिंसा जारी रहने के कारण लोगों की आवाजाही पर पाबन्दियाँ हैं और युद्धरत पक्षों की दख़लअन्दाज़ी के कारण, मानवीय सहायताकर्मियों के लिए ज़रूरतमन्दों तक मदद पहुँचाना बेहद कठिन है. 

WFP ने बताया कि खाद्य संकट केवल सूडान तक ही सीमित नहीं है, और इससे सूडान, दक्षिण सूडान व चाड में ढाई करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हैं.

यूएन एजेंसी, सूडान में हताश समुदायों तक पर्याप्त मात्रा में आपात खाद्य सहायता पहुँचने में असमर्थ है. 

इसके साथ-साथ, सीमा-पार से आने वाले ट्रकों के क़ाफ़िले से परमिट वापिस लिए जाने की ख़बर है, जिससे चाड से दारफ़ूर तक मानवीय सहायता रवाना करने के प्रयासों पर असर पड़ा है. 

सूडान में हर 10 में से 9 लोग भूख का सामना कर रहे हैं और वे ऐसे इलाक़ों में रह रहे हैं जहाँ मानवीय सहायताकर्मियों के लिए पहुँचना सम्भव नहीं है.

इसके मद्देनज़र, यूएन एजेंसी ने नए सिरे से तत्काल लड़ाई रोके जाने की अपील जारी की है ताकि राहत संगठनों के लिए ज़रूरतमन्द आबादी तक मदद पहुँचाई जा सके.

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