संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों की एजेंसी – UNHCR ने शुक्रवार को कहा है कि सूडान में भारी बारिश और बाढ़ ने पहले ही पूरे सूडान में लाखों लोगों को प्रभावित किया है जिसके कारण बहुत से लोग विस्थापित और घायल हुए हैं और बहुत से लोगों की मौत भी हो गई है.
सूडान में प्रतिद्वन्दी दो सेनाओं के दरम्यान अप्रैल 2023 में युद्ध भड़क उठा था जिसमें लगभग सवा करोड़ लोग विस्थापित हुए हैं. इनमें सूडान के भीतर हुए विस्थापित और वो लोग शामिल हैं जो पड़ोसी देशों में चले गए हैं.
UNHCR की प्रवक्ता ओलगा सराडो ने जिनीवा में नियमित प्रैस वार्ता में बताया कि बीते दो सप्ताहों के दौरान, पूर्वी कसाला प्रान्त में शरणार्थी, गम्भीर बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इनमें बहुत से ऐसे परिवार भी हैं जो सेनार प्रान्त में हिंसा से बचकर कसाला पहुँचे थे.
अनेक बार विस्थापित
प्रवक्ता ने पत्रकारों को बताया कि विस्थापित लोगों को, युद्ध शुरू होने के बाद तीन-चार बार विस्थापित होना पड़ा है.
उन्होंने कहा, “उनका सामान खो गया है, जिसमें खाद्य सामग्रियाँ भी थीं और ये लोग साफ़ पानी और स्वच्छता सुविधाओं की क़िल्लत से जूझ रहे हैं, ऐसे हालात में जल सम्बन्धित बीमारियाँ होने का डर है.”
प्रवक्ता ओलगा सराडो ने कहा कि एजेंसी और उसके साझीदार संगठन, बेहद निर्बल हालात वाले लोगों की मदद करने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं.
बच्चों को अत्यधिक जोखिम
इस बीच, बच्चों पर अत्यधिक जोखिम बना हुआ है. मौजूदा असुरक्षा और बारम्बार होने वाले विस्थापन के अतिरिक्त, उनका भविष्य भी जोखिम में है.
यूएन बाल कोष – यूनीसेफ़ के अनुसार, सूडान में लगभग एक करोड़ 80 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित हैं.
सूडान में यूनीसेफ़ के प्रतिनिधि शेल्डॉन येट्ट ने यूएन न्यूज़ से कहा कि चाहें वर्चुअल साधनों से ही हों, बच्चों को कक्षाओं के माहौल में शिक्षा दिया जाना बहुत ज़रूरी है.
उनका कहना है कि औपचारिक शैक्षणिक वातावरण से, बच्चों को सामान्य हालात का अहसास होता है, जहाँ वो अपने दोस्तों से मिलते हैं और उन्हें घर जैसा सुरक्षित माहौल मिलता है.