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सुरक्षा परिषद: विशाल मानवीय संकट से जूझ रहे सूडान के लिए, समर्थन की पुकार

सुरक्षा परिषद: विशाल मानवीय संकट से जूझ रहे सूडान के लिए, समर्थन की पुकार

मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) में पैरोकारी व अभियान संचालन विभाग की निदेशक ऐडेम वोसोर्नू ने सोमवार को सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित किया.

उन्होंने कहा कि सूडान, मानव-जनित विशाल संकट की चपेट में है जिसकी वजह देश का भीषण टकराव में झुलसना है. इससे खाद्य उत्पादन व्यवस्था बर्बाद हो चुकी है, बुनियादी ढाँचे को गहरा नुक़सान पहुँचा है और लाखों लोग भूख के दंश से जूझ रहे हैं.

निदेशक वोसोर्नू ने कहा कि पाँच इलाक़ों में अकाल की परिस्थितियाँ हैं जिनमें ज़मज़म, अल सलाम, अबू शोक और पश्चिमी नूबा पर्वतीय क्षेत्र है.

खाद्य एवं कृषि संगठन की उप महानिदेशक बेथ बेखडॉल ने सदस्य देशों को बताया कि सूडान में उपजी खाद्य असुरक्षा की मुख्य वजह मौजूदा हिंसक टकराव और बड़े पैमाने पर आम नागरिकों का विस्थापित होना है. मानवीय सहायता अभियान के रास्ते में अवरोध पैदा होने की वजह से यह और गम्भीर रूप धारण कर चुका है.

खाद्य एवं कृषि संगठन की उप महानिदेशक बेथ बेखडॉल ने सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित किया.

खाद्य एवं कृषि संगठन की उप महानिदेशक बेथ बेखडॉल ने सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित किया.

सहायता अभियान में चुनौतियाँ

ज़रूरतमन्द सूडानी नागरिकों तक आवश्यक सहायता पहुँचाने के लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं, मगर इस कार्य में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.

ऐडेम वोसोर्नू ने बताया कि 25 दिसम्बर को 28 ट्रकों का एक क़ाफिल़ा पोर्ट सूडान से ख़ारतूम पहुँचा, जिसके ज़रिये खाद्य, पोषण आपूर्ति समेत अन्य प्रकार की मदद रवाना की गई थी. इसके बावजूद चुनौती बरक़रार है.

“साउथ कोर्दोफ़ान के अहम इलाक़े, एक तरह से बाहरी सहायता से कट चुके हैं.” मानवीय सहायताकर्मियों के लिए वीज़ा की अनुमति देने के प्रयासों में तेज़ी लाए जाने की ज़रूरत है.

दारफ़ूर में सहायता पहुँचाने के लिए आद्रे नामक सीमा चौकी महत्वपूर्ण पड़ाव है मगर वहाँ भी निरीक्षण के लिए नई प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे देरी हो रही है.

एक अनुमान के अनुसार, सूडान में 90 फ़ीसदी से अधिक विस्थापित घर-परिवार अपने लिए भोजन की व्यवस्था कर पाने में असमर्थ हैं.

एकजुट कार्रवाई की पुकार

OCHA और FAO अधिकारियों ने सुरक्षा परिषद की बैठक में सूडान के लिए अन्तरराष्ट्रीय समर्थन सुनिश्चित करने का आग्रह किया.

उन्होंने वित्तीय संसाधन मुहैया कराए जाने, सहायता आपूर्ति के लिए सुरक्षित मार्ग की उपलब्धता और टकराव पर विराम लगाए जाने के प्रयासों में तेज़ी लाने पर बल दिया.

सूडान के लिए वर्ष 2025 में 2.1 करोड़ लोगों तक मदद पहुँचाने के लिए 4.2 अरब डॉलर की अपील की गई है, जबकि पड़ोसी देशों में सूडानी शरणार्थियों को समर्थन प्रदान करने के लिए 1.8 अरब डॉलर की दरकार होगी.

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