ज़ी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment) ने 30 जनवरी को स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि प्रमोटर सुभाष चंद्रा के दावों के आधार पर उसने कोई डिस्क्लोजर रिपोर्ट पेश नहीं की है। सुभाष चंद्रा ने कुछ मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि ज़ी एंटरटेनमेंट में प्रमोटर स्टेक को मौजूदा 4 पर्सेंट से बढ़ाकर 26 पर्सेंट किया जा सकता है।
मनीकंट्रोल में छपी खबर के आधार पर स्टॉक एक्सचेंजों ने कंपनी से इस सिलसिले में स्पष्टीकरण मांगा था। इन सवालों के जवाब में ज़ी ने कहा कि कंपनी को कीमतों से जुड़ी ऐसी किसी भी संवेदनशील जानकारी के बारे में पता नहीं है, जो स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई है।
स्टॉक एक्सचेंजों ने ज़ी के शेयरों में अचानक से आई तेजी को लेकर भी कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा। ज़ी का शेयर 29 जनवरी तक 30 पर्सेंट से भी ज्यादा लुढ़क गया था, लेकिन 30 जनवरी को यह 5.9 पर्सेंट ऊपर 171 रुपये पर बंद हुआ। मनाकंट्रोल ने खबर दी थी कि मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI), ज़ी ग्रुप के फाउंडर सुभाष चंद्रा के हालिया कुछ बयानों की जांच कर रहा है, जिनमें उन्होंने कहा था कि ज़ी की प्रमोटर फैमिली ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकती है।
चंद्रा ने हाल में कुछ मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि प्रमोटर्स आने वाले समय में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 4 पर्सेंट से बढ़ाकर 26 पर्सेंट कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इस सिलसिले में कोई समयसीमा नहीं बताई थी। चंद्रा का कहना था कि स्टेक में बढ़ोतरी के लिए प्रमोटर्स बाहर से कोई फंड नहीं जुटाएंगे।
सेबी के नियमों के मुताबिक, लिस्टेड कंपनियों को शेयरधारकों के लिए कोई जानकारी मुहैया करानी है, तो वह सबसे पहले स्टॉक एक्सचेंजों के जरिये उपलब्ध कराई जानी चाहिए। साथ ही, प्रमोटर्स द्वारा हिस्सेदारी बढ़ाने के मामले में कंपनी को सबसे पहले बोर्ड के सामने प्रस्ताव रखना चाहिए और फिर निवेशकों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। चंद्रा फिलहाल ZEEL के किसी भी एग्जिक्यूटिव रोल में नहीं है। उनके बेटे पुनीत गोयनका फिलहाल कंपनी के MD और CEO हैं।