यूएन में आपात राहत मामलों के लिए समन्वयक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने देश में गहराते मानवीय संकट पर चिन्ता जताई, जहाँ 1.67 करोड़ लोगों को अब मानवीय सहायता की आवश्यकता है.
13 वर्ष पहले हिंसक टकराव शुरू होने के बाद से यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हालात साल-दर-साल बिगड़ते जा रहे हैं, बच्चों की जान जा रही है और महिलाओं व लड़कियों को बड़े पैमाने पर यौन व लिंग-आधारित हिंसा का सामना करना पड़ रहा है.
यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने क्षोभ जताया कि अस्थिर आर्थिक स्थिति के कारण आम लोगों की पीड़ा गहरी हो रही है और अस्थिरता को हवा मिल रही है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) का कहना है कि देश में जीवन-व्यापन की क़ीमतें पिछले एक वर्ष में दोगुनी से अधिक हो चुकी हैं और फ़िलहाल हालात में बेहतरी के आसार नहीं हैं.
सीरिया में फ़िलहाल 70 लाख से अधिक लोग देश की सीमाओं के भीतर विस्थापित हैं और जबकि लाखों अन्य, दूसरे देशों में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं.
अवर महासचिव ने सीरिया में सीमा-पार मानवीय सहायता अभियानों के लिए निरन्तर मार्ग मुहैया कराए जाने पर बल दिया है. इस क्रम में, उन्होंने सीरियाई सरकार द्वारा बाब अल-सलाम चौकी के इस्तेमाल की अवधि बढ़ाने के लिए आभार प्रकट किया है, मगर इसकी दीर्घकालिक व्यवस्था की अहमियत को रेखांकित किया.
सुरक्षा चिन्ताएँ
सीरिया के लिए यूएन के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने कहा कि देश में राजनैतिक गतिरोध क़ायम है और फ़िलहाल सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 को अमल में लाने के लिए कोई स्पष्ट राजनैतिक मार्ग नहीं है.
इस प्रस्ताव के तहत, सीरिया में राजनैतिक बदलाव की दिशा के लिए एक रोडमैप का खाका प्रस्तुत किया गया है. उन्होंने दरारों और निराशा के लम्बे समय तक जारी रहने में निहित जोखिमों के प्रति सचेत किया, जिससे ना केवल सीरियाई नागरिकों बल्कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी ख़तरा पैदा हो सकता है.
विशेष दूत ने कहा कि अब भी स्थानीय, अन्तरराष्ट्रीय पक्ष और चिन्हित आतंकी गुट, सीरियाई क्षेत्र व बाहर हिंसक टकराव में शामिल हैं. देश के उत्तरी हिस्से में झड़पें हो रही हैं और ग़ाज़ा में युद्ध से स्थिति और जटिल हो गई है.
सीरिया के भीतर इसराइल द्वारा हवाई कार्रवाई की गई है और सीरियाई क्षेत्र से इसराइली क़ब्ज़े वाले गोलन क्षेत्र और इसराइल में रॉकेट व ड्रोन हमले किए गए हैं.
गेयर पैडरसन ने सचेत किया कि यदि यह स्थिति ऐसे ही जारी रहती है तो आम नागरिकों की पीड़ा बढ़ेगी, टकराव में तेज़ी आएगी जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैलने का ख़तरा है. इसके मद्देनज़र, उन्होंने ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने पर बल दिया है.
राजनैतिक समाधान की ओर
विशेष दूत ने सीरिया में व्यापक राजनैतिक समाधान की ज़रूरत पर बल दिया, जिसमें सीरियाई सरकार, विपक्ष, नागरिक समाज और अन्तरराष्ट्रीय पक्षों, जैसेकि रूस, तुर्कीये, अमेरिका, ईरान और अरब व अन्य योरोपीय देशों, और सुरक्षा परिषद को साथ लेकर चला जाए.
उन्होंने कहा कि कोई भी पक्ष इस संकट का अकेले समाधान नहीं ढूंढ सकता, और ना ही मौजूदा कूटनैतिक समूह ऐसा कर सकते हैं. इसके लिए सृजनात्मक कूटनीति की आवश्यकता होगी, जिसमें सभी पक्षों का योगदान हो.
गेयर पैडरसन ने कहा कि संवैधानिक समिति की बैठकों को फिर से शुरू किया जाना होगा और हालात में स्थिरता लाने के लिए ठोस, विश्वास बढ़ाने वाले क़दम उठाए जाने होंगे.