इसके अलावा, नवम्बर के अन्त से लेकर अब तक के घटनाक्रम ने भी, संकट में नए आयाम जोड़े हैं, जिसमें जनसंख्या विस्थापन के साथ-साथ पड़ोसी देशों से सीरियाई शरणार्थियों की वापसी भी शामिल है. इस घटनाक्रम में, पूर्व शासक बशर अल असद का सत्ता पतन भी है.
नवम्बर 2024 से, बढ़ती हिंसा के बीच 8 लाख 82 हज़ार से अधिक सीरियाई लोग विस्थापित हो चुके हैं, जिससे देश की नाज़ुक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर और दबाव बढ़ गया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी WHO के अनुसार, स्वास्थ्य सुविधाओं पर हमले भी बढ़ गए हैं और नवम्बर में ऐसी 37 घटनाएँ दर्ज की गई हैं.
सीरिया के आधे से अधिक अस्पताल अब काम नहीं कर रहे हैं, और उत्तरी अलेप्पो व इदलिब में 141 स्वास्थ्य सुविधाएँ, धन की कमी के कारण बन्द होने के कगार पर हैं.
स्वास्थ्य सेवा पर अत्यधिक दबाव
देश के लिए WHO की कार्यवाहक प्रतिनिधि क्रिस्टीना बेथके ने कहा है, “सीरिया में स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचा पहले से कहीं अधिक गम्भीर रूप से दबाव में है.”
उन्होंने कहा, “हमारी टीमें इस समय सचल क्लीनिकों के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल प्रदान कर रही हैं, टीकाकरण सेवाओं को बहाल किया जा रहा है, और मानसिक स्वास्थ्य सहायता को, स्वास्थ्य सुविधाओं में एकीकृत कर रही हैं, ख़ासतौर पर आघात से प्रभावित लोगों के लिए.”
“यह अपील स्वास्थ्य और गरिमा की रक्षा करने के साथ-साथ, सीरियाई लोगों को एक सुरक्षित भविष्य की उम्मीद प्रदान करने के बारे में है.”
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी का मक़सद, तुर्की के गाज़ियांतेप में अपने केन्द्र के माध्यम से स्वास्थ्य प्रणाली समन्वय को मज़बूत करना भी है, जो लगभग 50 लाख सीरियाई लोगों को सहायता प्रदान कर रहा है. इनमें दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी शामिल हैं.
शरणार्थियों की चुनौतियों पर ध्यान
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी – UNHCR ने विस्थापित आबादी और स्वदेश लौटने वाले शरणार्थियों, विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों, महिलाओं और बच्चों जैसे कमज़ोर समूहों के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियाँ दरपेश होने की सूचना दी है.
पड़ोसी देशों से वापिस लौटने वाले बहुत से शरणार्थियों को गम्भीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, नष्ट हो चुके घरों के कारण उन्हें टेंट में रहना पड़ रहा है, सम्बन्धियों के साथ रहना पड़ रहा है या अत्यधिक किराया देना पड़ रहा है.
कृषि भूमि या पूर्व सीमावर्ती क्षेत्रों के पास के घरों में अप्रयुक्त आयुध यानि बारूदी सामग्री (UXO) गहन जोखिम पैदा कर रहे हैं.
वापिस लौटे लोगों ने क़ानूनी सहायता, मनोवैज्ञानिक सहायता और स्कूल पुनर्वास की आवश्यकता का भी हवाला दिया है.
यूएन शरणार्थी एजेंसी के भागीदारों ने, अपने सहायता कार्यों में, अलेप्पो, हसाकेह, अर-रक़्क़ा और टार्टूस ग्रामीण इलाक़े में बच्चों को व्यस्त रखने के कार्यक्रम शुरू किए हैं.
इनमें आजीविका अनुदान, राहत वितरण, यौन हिंसा की रोकथाम और अप्रयुक्त आयुध यानि बारूदी सामग्री (UXO) और अन्य हानिकारक वस्तुओं पर जागरूकता सत्र सहित, सुरक्षा गतिविधियाँ शामिल हैं.