यूएन प्रमुख ने अपने एक वक्तव्य में शोक की इस घड़ी में कार्टर परिवार, अमेरिकी सरकार और आम नागरिकों के प्रति अपनी सम्वेदना व्यक्त की है.
महासचिव ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति कार्टर ने अपने नेतृत्व से अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा में अहम योगदान दिया. इनमें परमाणु हथियारों की संख्या सीमित करने पर केन्द्रित सन्धि, ऐतिहासिक कैम्प डेविड समझौता और पनामा नहर सन्धि समेत अन्य पहल हैं.
यूएन प्रमुख के अनुसार, “अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व मानवाधिकारों के लिए राष्ट्रपति कार्टर का संकल्प, राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद पूर्ण रूप से निखर कर आया.”
उन्होंने हिंसक टकराव से निपटने के लिए मध्यस्थता प्रयासों, चुनाव प्रक्रिया की निगरानी, लोकतंत्र को बढ़ावा देने, बीमारी की रोकथाम व उन्मूलन में अपनी अहम भूमिका निभाई.
इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप उन्हें वर्ष 2002 में नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया और संयुक्त राष्ट्र के कार्य को मज़बूती देने में भी मदद मिली.
“राष्ट्रपति कार्टर को निर्बलों के साथ उनकी एकजुटता, सदैव उपस्थित शिष्टता, और साझा भलाई व हमारी साझा मानवता में उनकी अटल आस्था के लिए याद किया जाएगा.”
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि एक शान्तिनिर्माता, मानवाधिकारों के चैम्पियन और मानवतावादी के तौर पर उनकी विरासत को लम्बे समय तक याद किया जाएगा.
प्रेरणादायी विरासत
संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रमुख फ़िलेमॉन यैंग ने भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के निधन पर दुख व्यक्त किया है.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके आदर्शों के प्रति उनकी अटूट आस्था थी और उन्हें मानवाधिकारों, लोकतंत्र व वैश्विक स्वास्थ्य के लिए अथक प्रयास किए. उन्होंने नोबेल शान्ति पुरस्कार विजेता के तौर पर, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग व कूटनीति की भावना को मूर्त रूप प्रदान किया.
यूएन महासभा प्रमुख ने राष्ट्रपति कार्टर के परिवार और अमेरिकी नागरिकों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए उनकी असाधारण विरासत से प्रेरणा लेने का आग्रह किया.
उन्होंने भरोसा जताया कि उनकी स्मृति, भावी पीढ़ियों को शान्ति, न्याय व मानव गरिमा के लिए प्रयास करने की दिशा में प्रेरित करती रहेंगी.