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साइबर अपराध रोकने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करे पुलिस: कलराज मिश्र

साइबर अपराध रोकने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करे पुलिस: कलराज मिश्र

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उन्होंने राजस्थान पुलिस द्वारा साइबर अपराध की जांच और भविष्य की कार्य योजना को वैश्विक आवश्यकताओं के अनुरूप करने की आवश्यकता जताई। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू ने आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। पुलिस महानिदेशक (साइबर अपराध) डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि इस हैकथॉन में विभिन्न टीमों ने साइबर अपराध की रोकथाम के विषय पर 36 घंटे तक काम किया।

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि कम्प्यूटर जनित अपराधों को रोकने के लिए पुलिस कोई ऐसा वैज्ञानिक तंत्र विकसित करे जिससे साइबर अपराधों की प्रभावी रोकथाम हो सके।
उन्होंने साइबर अपराध रोकने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) के सकारात्मक उपयोग पर भी जोर दिया।
मिश्र ने बृहस्पतिवार को राजस्थान पुलिस द्वारा आयोजित पहले साइबर सुरक्षा हैकाथॉन के समापन सत्र में संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय और व्यक्ति की निजी गरिमा के हनन से जुड़े ‘डीपफेक’ अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए भी व्यवस्थित रूप में निरंतर काम हो।

उन्होंने साइबर अपराध होने पर पुलिस के तुरंत हरकत में आने और इसके लिए प्रभावी पुलिस तंत्र विकसित करने का भी आह्वान किया।
राज्यपाल ने ‘ओटीपी’ लेकर बैंक से पैसे हड़पने, नेटबैंकिंग पर सेंध लगाकर खाते से राशि निकालने तथा ऐसे ही भ्रमित कर और भी बहुत सारी वित्तीय धोखाधड़ी और निजता हनन के अपराध किये जाने की चर्चा करते हुए हुए इस संबंध में शोध, अनुसंधान और कंप्यूटर आंकड़ों के विश्लेषण की शिक्षा को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता जताई।
इस अवसर पर राज्य के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि साइबर अटैक अच्छे और बुरे के बीच युद्ध है।
उन्होंने कहा कि एआई के लिए युवाओं की प्रतिभा को अवसर प्रदान करने तथा पुलिस को मजबूतकरने के लिए और अधिक प्रयास किए जाएं।

उन्होंने राजस्थान पुलिस द्वारा साइबर अपराध की जांच और भविष्य की कार्य योजना को वैश्विक आवश्यकताओं के अनुरूप करने की आवश्यकता जताई।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू ने आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। पुलिस महानिदेशक (साइबर अपराध) डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि इस हैकथॉन में विभिन्न टीमों ने साइबर अपराध की रोकथाम के विषय पर 36 घंटे तक काम किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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