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सरकार ने चीन की सीमा के बेहद करीब सिविलियन एयरपोर्ट बनाने का काम शुरू किया

सरकार ने चीन की सीमा (LAC) के करीब एक सिविलियन एयरपोर्ट बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसे लद्दाख के नुब्रा इलाके में थोइज एयरबेस में बनाया जा रहा है। इसके लिए नई सिविलियन टर्मिनल की बिल्डिंग बनाई जा रही है। सरकार का यह कदम इसलिए बहुत अहम है, क्योंकि इस इलाके में पिछले तीन सालों से चीन और भारत के सैनिक डटे हुए हैं। थोइज एक सैन्य एयरबेस है। इसके रनवे का इस्तेमाल सिर्फ सेना के लिए होता है। लेकिन, उड़ान स्कीम के तहत लेह से कुछ सिविलियन फ्लाइट ऑपरेट होती हैं। सरकार का प्लान थोइस में सिविलय फ्लाइट की संख्या बढ़ाने की है। इसके लिए 10 जनवरी को कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए बोली मंगाई गई है।

लद्दाख में दूसरा सिविलियन एयरपोर्ट होगा

थोइज का सिविलियन एयरपोर्ट लद्दाख में दूसरा सिविलियन एयरपोर्ट होगा। इस प्रोजेक्ट पर करीब 130 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार का जोर दूरदराज के इलाकों खासकर सीमवर्ती इलाकों के लोगों के लिए हवाई सेवाएं शुरू करने पर है। खबरों में बताया गया है कि थोइज में डोमेस्टिक पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग 5,300 वर्ग मीटर की होगी। इस इमारत को स्थानीय कला और संस्कृति के हिसाब से आकर्षक बनाया जाएगा।

पैसेंजर्स का प्रोफाइल तैयार होगा

सरकार ने इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले संभावित पैसेंजर्स की प्रोफाइल का सर्वे कराने का भी प्लान बनाया है। इसमें यात्रियों की उम्र, यात्रा का मकसद, खर्च करने की क्षमता, पेशा और इनकम ग्रुप आदि की जानकारियां हासिल की जाएंगी। सरकार ने थोइज में सिविलियन एयरपोर्ट के लिए जमीन का आवंटन कर दिया है।

सिविलियन एयरपोर्ट की लंबे समय से हो रही थी मांग

थोइज में सिविलियन एयरपोर्ट बनाने की मांग वहां के लोग लंबे समय से कर रहे थे। उनका मानना है कि इससे इस इलाके का आर्थिक विकास होगा। लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल भी थोइज में सिविलियन एयरपोर्ट बनाने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने एयरलाइंस कंपनियों से भी थोइज के लिए हवाई सेवाएं शुरू करने की गुजारिश की है।

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