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समुद्र के बीच PM मोदी की ध्यान साधना शुरू, कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे मेडिटेशन करेंगे प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार की शाम कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे तक चलने वाली अपनी ध्यान साधना शुरू की। तिरुवनंतपुरम से हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचने के बाद मोदी ने भगवती अम्मन मंदिर में पूजा की और नाव के जरिए रॉक मेमोरियल पहुंचे और ध्यान लगाना शुरू किया। प्रधानमंत्री की ध्यान साधना एक जून तक चलेगी।

धोती और सफेद शॉल ओढ़े मोदी ने मंदिर में पूजा-अर्चना की और गर्भगृह की परिक्रमा की। पुजारियों ने एक विशेष आरती की और उन्हें मंदिर का प्रसाद दिया गया, जिसमें एक शॉल और मंदिर के देवता की फ्रेम की गई तस्वीर शामिल थी।

‘ध्यान मंडपम’ में ध्यान लगाना शुरू 

बाद में, वह राज्य सरकार के जहाजरानी निगम की तरफ से बोट सर्विस के जरिए रॉक मेमोरियल (Rock Memorial) पहुंचे और ‘ध्यान मंडपम’ में ध्यान लगाना शुरू किया।

ध्यान लगाना शुरू करने से पहले, नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) कुछ देर के लिए मंडप की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर खड़े रहे। प्रधानमंत्री एक जून को अपनी रवानगी से पहले स्मारक के पास तमिल कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा को देखने के लिए भी जा सकते हैं।

क्यों हुआ PM मोदी का विरोध?

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, जहां एक ओर थानथई पेरियार द्रविड़ कषगम समेत दूसरे संगठनों ने मदुरै में मोदी के विरोध में काले झंडे दिखाए तो वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर भी कई लोगों ने ‘गो बैक मोदी’ लिखा।

एक जून को लोकसभा चुनाव के सातवें आखिरी अंतिम चरण के मतदान के मद्देनजर उनके ध्यान कार्यक्रम के प्रसारण का राजनीतिक विरोध किया जा रहा है।

मोदी के इस कार्यक्रम के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा समेत सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। प्रख्यात हिंदू संत (विवेकानंद) के नाम पर बना यह स्मारक समुद्र के बीच में स्थित है।

पहली बार इस स्मारक पर ठहरेंगे मोदी

ये पहली बार है, जब प्रधानमंत्री इस स्मारक पर ठहरेंगे। ये स्मारक स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि के तौर पर बनाया गया है।

प्रधानमंत्री ने 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार खत्म होने के बाद केदारनाथ गुफा में भी इसी तरह ध्यान लगाया था।

मोदी की यात्रा से पहले सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उनके प्रवास के दौरान दो हजार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। इसके साथ ही भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना भी कड़ी निगरानी रखेगी।

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