यूएन मिशन ने 24 दिसम्बर को हुए इस हमले में बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने पर गुरूवार को अपने एक सोशल मीडिया सन्देश में क्षोभ व्यक्त किया है.
UNAMA ने इस घटना की जवाबदेही सुनिश्चित करने, भविष्य में ऐसे हमलों की रोकथाम करने और पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करने की पुकार लगाई है.
यूएन मिशन ने ध्यान दिलाया है कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत, सैन्य बलों का यह दायित्व है कि लड़ाई के दौरान आवश्यक सतर्कता बरतते हुए आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) भी इस हमले में कम से कम 20 बच्चों के मारे जाने की ख़बर पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है.
दक्षिण एशिया के लिए यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय निदेशक संजय विजेसेकरा ने मृतकों के प्रियजन के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना व्यक्त की है. उन्होंने दोहराया है कि बच्चों को हमलों में कभी भी निशाना नहीं बनाया जाना होगा.
कज़ाख़्स्तान विमान दुर्घटना
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कज़ाख़स्तान में हुई एक विमान दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है.
समाचार माध्यमों के अनुसार, अज़रबैजान की राजधानी बाकू से ग्रोज़्नी जा रहे विमान के बुधवार को पश्चिमी कज़ाख़स्तान में दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 38 यात्रियों की मौत हुई है.
मृतकों में अज़रबैजान, कज़ाख़स्तान, किर्गिज़ गणराज्य और रूस के नागरिक मारे गए हैं. यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने मृतकों के परिजन के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना जताई है.
वायुक्षेत्र में वैश्विक सहयोग के लिए यूएन एजेंसी, अन्तरराष्ट्रीय नागरिक विमानन प्राधिकरण (ICAO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने सोशल मीडिया पर अपने सन्देश में इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया है.
सीरिया: शरणार्थियों का लौटना जारी
समाचार माध्यमों के अनुसार, सीरिया में हयात-तहरीर अल-शाम (एचटीएस) गुट की अगुवाई वाले तथ्यत: प्रशासन (de facto authorities) ने अनस ख़ट्टब को ख़ुफ़िया सेवाओं के प्रमुख के तौर पर नामित किया है.
अनस ख़ट्टब, आतंकवादी संगठन अल क़ायदा के साथ अपने सम्बन्धों की वजह से फ़िलहाल यूएन प्रतिबन्धों के दायरे में हैं.
एचटीएस गुट भी यूएन द्वारा प्रतिबन्धित है. वर्ष 2015 में सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें सदस्य देशों से एचटीएस के पूर्ववर्ती, अल-नुसरा फ़्रंट द्वारा अंजाम दिए गए आतंकी कृत्यों की रोकथाम करने, उनसे निपटने का आग्रह किया गया था.
सीरिया में पिछले एक दशक से जारी गृहयुद्ध के कारण लाखों लोग विस्थापन का शिकार हुए, मगर 8 दिसम्बर को बशर अल-असद शासन के पतन के बाद, हज़ारों शरणार्थियों ने अपने घर लौटना शुरू किया है.
शरणार्थी मामलों के लिए यूएन उच्चायुक्त कार्यालय ने गुरूवार को इस आशय की जानकारी दी है.
वहीं, यूएन मानवतावादी कार्यालय (OCHA) के अनुसार, देश के कुछ हिस्सों में अभी खाद्य सामग्री की क़िल्लत है, मगर ब्रैड का उत्पादन व वितरण अधिकाँश इलाक़ों में सामान्य हो रहा है.