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संकटों से प्रभावित, 23 करोड़ स्कूली बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने की अपील

संकटों से प्रभावित, 23 करोड़ स्कूली बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने की अपील

ECW ने शुक्रवार, 24 जनवरी, को ‘अन्तरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ के अवसर पर ‘Global Estimates Report’ नामक एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि बढ़ती शिक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप, सहायता धनराशि नहीं जुट पा रही है.

रिपोर्ट दर्शाती है कि संकटों से प्रभावित स्कूली बच्चों की संख्या में पिछले तीन वर्षों में 3.5 करोड़ की वृद्धि होने का अनुमान है.

सशस्त्र टकराव, जबरन विस्थापन, जलवायु-जनित जोखिम, बीमारी और सामाजिक-आर्थिक चुनौती से बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा व कल्याण पर गहरा असर हो रहा है. साथ ही, ये संकट पहले से कहीं ज़्यादा गहन, व्यापक रूप धारण कर रहे हैं और ये अक्सर आपस में जुड़े हुए होते हैं. 

हिंसक टकराव, सूखा, बाढ़ व तूफ़ान समेत चरम मौसम घटनाओं समेत अन्य संकटों से बच्चों के वर्तमान व भविष्य पर जोखिम मंडरा रहा है. शरणार्थी, आन्तरिक रूप से विस्थापित बच्चे, विकलांग लड़के-लड़कियाँ इस समस्या से सर्वाधिक प्रभावितों में हैं.

इस रिपोर्ट में संकट प्रभावित जिन 23.4 करोड़ बच्चों व किशोरों की शिनाख़्त की गई है, उनमें 8.5 करोड़ स्कूली शिक्षा के दायरे से पूरी तरह से बाहर हैं. इनमें 52 फ़ीसदी लड़कियाँ हैं, 17 फ़ीसदी शरणार्थी व घरेलू विस्थापित हैं, जबकि 20 प्रतिशत से अधिक विकलांग बच्चे हैं.

युद्ध के बजाय, शिक्षा में निवेश

Education Cannot Wait की कार्यकारी निदेशक यासमीन शरीफ़ ने कहा कि दुनिया भर में हर साल दो हज़ार अरब डॉलर की धनराशि का निवेश, युद्ध व टकरावों के लिए किया जाता है. जबकि कुछ अरब डॉलर में संकटों में फँसे बच्चों और उनके शिक्षकों को बड़ी मदद दी जा सकती है.

उन्होंने कहा कि दुनिया को सैन्य ख़र्चों के बजाय विकास में और बम की बजाय स्कूलों में निवेश करना होगा, अन्यथा हम अपने पीछे विध्वंस की एक विरासत छोड़ कर जाएंगे.

स्कूली शिक्षा से वंचित क़रीब 50 फ़ीसदी बच्चे लम्बे समय से संकट से प्रभावित इन केवल पाँच देशों में हैं: सूडान, अफ़ग़ानिस्तान, इथियोपिया, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य, पाकिस्तान.

बढ़ती शिक्षा आवश्यकताओं के बावजूद, मानवीय राहत प्रयासों के तहत, शिक्षा सहायता कोष के लिए उपलब्ध धनराशि में बढ़ोत्तरी रुक गई है, हालांकि पिछले वर्षों में यह मदद बढ़ रही थी.

सहायता धनराशि की दरकार

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, निम्न- और निम्नतर-मध्य आय वाले देशों में शिक्षा सम्बन्धी टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 100 अरब डॉलर की वार्षिक खाई है.

पिछले पाँच वर्षों में, विश्व भें हिंसक टकरावों की संख्या दोगुनी हो गई है. 50 देशों में चरम, ऊँचे या उथलपुथल मचा देने वाले स्तर पर संघर्ष धधक रहा है.

जिन बच्चों के पास इन हालात में स्कूली शिक्षा की व्यवस्था है, अधिकाँश बच्चे पढ़ाई में पीछे छूट रहे हैं और केवल 17 फ़ीसदी संकट-प्रभावित प्राथमिक स्कूल के बच्चे, पढ़ने में न्यूनतम दक्षता हासिल कर पा रहे हैं.

इन चुनौतियों से निपटने के लिए ECW ने अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर 60 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त धनराशि की पुकाऱ लगाई है. सार्वजनिक दानदाताओं, निजी सैक्टर और धनी हस्तियों सहयोग से, संकट-प्रभावित क़रीब दो करोड़ बच्चों तक गुणवत्तापरक शिक्षा व उसमें निहित अवसरों को पहुँचाए जाने का लक्ष्य है. 

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